Indira Ekadashi Vrat Katha: कल इंदिरा एकादशी पर जरूर सुनें ये व्रत कथा
Indira Ekadashi Vrat Katha: इंदिरा एकादशी हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दौरान आने वाली महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है. इस दिन व्रत रखने और व्रत कथा सुनने का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इंदिरा एकादशी व्रत कथा सुनने से पितरों को शांति मिलती है और घर-परिवार में सुख, समृद्धि व सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
Indira Ekadashi Vrat Katha: इस वर्ष इंदिरा एकादशी व्रत 17 सितंबर, बुधवार को मनाया जाएगा. पितृ पक्ष में आने वाली यह एकादशी, आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है. इस दिन भगवान विष्णु के ऋषिकेश स्वरूप की पूजा की जाती है और व्रत कथा सुनना शुभ माना जाता है. माना जाता है कि इस व्रत के पालन से पितरों का उद्धार होता है और व्रती को जीवन के अंत में स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
इंदिरा एकादशी व्रत कथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इंदिरा एकादशी का महत्व समझाते हुए इसकी कथा सुनाई थी. सतयुग में महिष्मती नामक नगरी के राजा इन्द्रसेन बड़े धर्मनिष्ठ और दयालु थे. एक दिन नारद मुनि उनसे मिलने आए और बताया कि उनके पिता एकादशी व्रत के टूटने के कारण यमलोक में हैं. नारद मुनि ने सुझाव दिया कि यदि राजा इन्द्रसेन विधिपूर्वक इंदिरा एकादशी व्रत कर उसका पुण्य अपने पिता को अर्पित करें तो उन्हें मुक्ति मिल जाएगी. नारद मुनि के बताए नियमों का पालन करते हुए राजा इन्द्रसेन ने इंदिरा एकादशी व्रत किया. इस व्रत के पुण्यफल से उनके पिता को वैकुंठ लोक की प्राप्ति हुई. तभी से इस व्रत को पितरों के उद्धार और मोक्ष के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है.
इंदिरा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आश्विन मास की एकादशी तिथि 17 सितंबर 2025 को दोपहर 12:21 बजे शुरू होकर उसी दिन रात 11:39 बजे तक रहेगी. उदया तिथि को आधार मानते हुए इंदिरा एकादशी का व्रत 17 सितंबर को ही करना शुभ रहेगा. वहीं व्रत का पारण 18 सितंबर 2025 को सुबह 06:07 बजे से 08:34 बजे के बीच करना अत्यंत उचित माना गया है.
