Hartalika Teej 2025: आज है हरतालिका तीज, शिव–पार्वती की पूजा से मिलेगा अखंड सुहाग का आशीर्वाद

Hartalika Teej 2025 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला हरतालिका तीज का पर्व आज है. सुहागिन महिलाएं और अविवाहित कन्याएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर शिव–पार्वती की पूजा करती हैं. मान्यता है कि इससे अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है.

By Shaurya Punj | August 26, 2025 7:14 AM

Hartalika Teej 2025: हरितालिका तीज का पर्व इस बार आज मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को मनाया जा रहा है. राजधानी रांची में सोमवार से ही त्योहार की धूम देखने को मिली. शहर के बड़े-बड़े बाजारों से लेकर गली-कूचों तक महिलाओं की चहल-पहल ने पूरे माहौल को तीजमय बना दिया. सुहागिन महिलाओं ने अखंड सौभाग्य की कामना के लिए निर्जला व्रत से पूर्व जमकर खरीदारी की.

सोमवार को बाजारों में मेहंदी, चूड़ियां, श्रृंगार सामग्री, साड़ियां और पूजन सामग्री की जबरदस्त बिक्री हुई. वहीं घरों में पारंपरिक व्यंजन गुजिया, ठेकुआ आदि बनाने का दौर भी चलता रहा. मेहंदी की खुशबू, मिठाइयों का स्वाद और श्रृंगार की रौनक ने राजधानी की फिजा को पूरी तरह तीज के रंग में रंग दिया.

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सोलह श्रृंगार और पूजन की परंपरा

हरितालिका तीज का महत्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है. इस दिन सोलह श्रृंगार कर शिव-पार्वती की पूजा और व्रत करने की परंपरा है. यही वजह रही कि सोमवार को बाजारों में महिलाओं की भीड़ उमड़ी रही. कहीं चूड़ियों की खनक गूंजी तो कहीं मेहंदी की रंगीन डिजाइनों की सजावट ने आकर्षण बढ़ाया.

व्रत का पूजन सूर्यास्त से पूर्व करना उत्तम माना गया है और इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित है. पूजा में चांदी, पीतल या मिट्टी से बनी शिव-पार्वती प्रतिमा स्थापित कर सबसे पहले गणेश पूजन किया जाता है. इसके बाद हरितालिका व्रत कथा का श्रवण और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है.

अखंड सौभाग्य और दांपत्य सुख की प्राप्ति

धार्मिक मान्यता है कि विवाहित महिलाएं यदि पूरे विधि-विधान से शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा करें तो उन्हें अखंड सौभाग्य, पति का दीर्घायु और वैवाहिक सुख प्राप्त होता है.

शिवपुराण में भी उल्लेख है —

“यत्र पार्वतीश्च शिवश्च पूज्येते, तत्र सुखं नित्यं वसति.”
अर्थात जहां शिव और पार्वती की पूजा होती है, वहां सुख-शांति और समृद्धि सदैव बनी रहती है.

अविवाहित कन्याओं के लिए विशेष महत्व

अविवाहित कन्याएं इस व्रत को मनचाहा और योग्य वर पाने के उद्देश्य से करती हैं. वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और पारिवारिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए इस व्रत का पालन करती हैं.

बाजारों में पूजन सामग्री और श्रृंगार की धूम

सोमवार को पूजन सामग्री और श्रृंगार की दुकानों पर जबरदस्त भीड़ रही. दुकानदारों के अनुसार, दान सामग्री, बांस की टोकरी, श्रृंगार सामग्री और ब्लाउज पीस की बिक्री सबसे अधिक रही. कई महिलाओं ने तैयार दान सेट खरीदे, जबकि कुछ ने सामग्री लेकर स्वयं सजावट की.

मैचिंग चूड़ियों का क्रेज

कपड़ों से मैचिंग चूड़ियों की मांग इस बार सबसे ज्यादा रही. कॉस्मेटिक दुकानों से लेकर चूड़ी बाजार तक ग्राहकों की भीड़ दिनभर लगी रही. दुकानदारों के मुताबिक, प्लेन और मेटल चूड़ियों के सेट खासतौर पर पसंद किए गए. वहीं पहली बार तीज करने वाली महिलाओं में लहठी खरीदने का उत्साह देखने को मिला, जिसकी कीमत 500 रुपये से शुरू हुई.