Guru Tegh Bahadur Shaheedi Divas 2025: गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस पर जानें उनके बारे में ये खास बातें
Guru Tegh Bahadur Shaheedi Divas 2025: गुरु तेग बहादुर जी, सिखों के नौवें गुरु, साहस, बलिदान और मानवाधिकारों की रक्षा के प्रतीक माने जाते हैं. हर साल 24 नवंबर को उनका शहीद दिवस मनाया जाता है. जानिए गुरु तेग बहादुर से जुड़ी ये खास बातें.
Guru Tegh Bahadur Shaheedi Divas 2025: गुरु तेग बहादुर जी ने अपने जीवनभर धर्म, मानवता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्ष किया. इतिहासकार बताते हैं कि उस समय मुगल शासन के दमन से आम लोग भयभीत थे, लेकिन गुरु तेग बहादुर जी ने किसी भी कीमत पर अपने धर्म और सत्य के मार्ग से समझौता नहीं किया.
गुरु तेग बहादुर कौन थे?
गुरु तेग बहादुर जी का जन्म 1621 में अमृतसर में हुआ था. वे गुरु हरगोबिंद साहिब के पुत्र थे और बचपन से ही गहरे आध्यात्मिक विचारों वाले थे. उन्हें तलवार चलाने, घुड़सवारी और शास्त्र-विद्या का भी असाधारण ज्ञान था. बाद में वे शांत स्वभाव, ध्यान और सेवा भावना के लिए जाने गए.
उन्होंने बलिदान क्यों दिया?
उस समय कश्मीर के पंडितों और कई निर्दोष लोगों पर अत्याचार बढ़ रहे थे. वे जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ मदद के लिए गुरु तेग बहादुर के पास पहुंचें. गुरु जी ने उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए आवाज उठाई. मुगल शासन ने उन्हें धमकाया, लेकिन गुरु जी अपने सिद्धांतों पर डटे रहे. अंत में उन्होंने धर्म और मानव स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया.
शहीदी का ऐतिहासिक महत्व
गुरु तेग बहादुर का बलिदान हिंदुस्तान के इतिहास में धर्म की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा उदाहरण माना जाता है.
उन्होंने सिख धर्म ही नहीं, बल्कि हर इंसान के अधिकारों की रक्षा की.
यही वजह है कि उन्हें “हिंद की चादर” कहा गया यानी भारत की ढाल.
गुरु जी की प्रमुख शिक्षाएं
हर धर्म का सम्मान करो
सत्य और न्याय के रास्ते पर चलो
डरकर कभी अन्याय को स्वीकार मत करो
जरूरतमंदों की सेवा करो
मन को शांत रखने के लिए ध्यान और नाम-सिमरन करो
आज के दिन क्या करें?
गुरुद्वारों में अरदास और कीर्तन
जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान
गुरु जी की शिक्षाओं पर आधारित सत्संग
उनके जीवन और शहीदी प्रसंगों का अध्ययन
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