Gayatri Jayanti 2025 के शुभ अवसर पर इस संपूर्ण विधि के साथ करें मां की पूजा
Gayatri Jayanti 2025 : यह दिन ज्ञान, शांति और समृद्धि का प्रतीक है. गायत्री मंत्र का जाप और पूजा से मनुष्य का मनोबल बढ़ता है और वह अपने जीवन को सच्चे मार्ग पर ले जा सकता है.
Gayatri Jayanti 2025 : गायत्री जयंती हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र पर्व माना जाता है. यह दिन गायत्री माता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. गायत्री माता को वेदों की रचना की जननी और सूर्य देव की शक्ति रूपा देवी माना जाता है. उनका ध्यान और पूजा से व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है. वर्ष 2025 में गायत्री जयंती 06 जून, शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस दिन मां गायत्री की पूजा विधि को श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और मनुष्य के जीवन में दिव्य शक्ति का संचार होता है:-
– पूजा स्थल की शुद्धि और तैयारी करें
गायत्री जयंती के दिन पूजा से पहले अपने घर के पूजा स्थल को साफ और पवित्र करें. पूजा स्थान पर सफेद वस्त्र बिछाएं और गायत्री माता की चित्र या मूर्ति स्थापित करें. साथ ही गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए घी का दीपक जलाएं ताकि वातावरण में पवित्रता और पॉजिटिव एनर्जी बनी रहे.
– गायत्री मंत्र का जाप और ध्यान करें
पूजा की शुरुआत गायत्री मंत्र के जाप से करें. गायत्री मंत्र (ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्) का उच्चारण मन, वचन और कर्म से लगनपूर्वक करें. इसका जाप कम से कम 108 बार करना शुभ माना जाता है. इससे बुद्धि का विकास होता है और मन शुद्ध होता है.
– मां गायत्री को पुष्प, अक्षत, धूप-दीप अर्पित करें
पूजा के दौरान मां गायत्री को ताजे फूल, अक्षत (चावल), फल, धूप और दीप अर्पित करें. यह श्रद्धा का प्रतीक है और देवी की प्रसन्नता के लिए आवश्यक माना जाता है. विशेषकर सफेद और पीले रंग के फूलों का प्रयोग शुभ रहता है क्योंकि ये शुद्धता और ऊर्जा के प्रतीक हैं.
– हवन या यज्ञ का आयोजन करें
यदि संभव हो तो गायत्री जयंती पर हवन या यज्ञ का आयोजन अवश्य करें. गायत्री यज्ञ से घर-परिवार में समृद्धि आती है और सभी ऋण, बाधाएं समाप्त होती हैं. हवन के दौरान गायत्री मंत्र का उच्चारण और अग्नि में हवन सामग्री अर्पित करें. इससे देवता प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्राप्त होता है.
– दान करें और उपवास का पालन करें
गायत्री जयंती के दिन दान पुण्य करना अत्यंत फलदायक माना जाता है. गरीबों को भोजन, वस्त्र या धार्मिक सामग्री दान करें. साथ ही यदि स्वास्थ्य अनुमति दे तो उपवास रखें. उपवास करने से शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है और देवी की कृपा प्रबल होती है.
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गायत्री जयंती पर मां गायत्री की पूजा श्रद्धा, भक्ति और पूर्ण विधि के साथ करने से जीवन में आध्यात्मिक जागरण होता है. यह दिन ज्ञान, शांति और समृद्धि का प्रतीक है. गायत्री मंत्र का जाप और पूजा से मनुष्य का मनोबल बढ़ता है और वह अपने जीवन को सच्चे मार्ग पर ले जा सकता है. इस दिन किए गए उपाय और पूजा से जीवन के अंधकार दूर होकर उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है.
