Ekadashi in December 2025: दिसंबर माह क्यों है खास? एक महीने में पड़ेंगी तीन एकादशी

Ekadashi in December 2025: दिसंबर 2025 का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत विशेष रहने वाला है, क्योंकि इस महीने एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन एकादशी पड़ रही हैं. सनातन धर्म में एकादशी श्रीहरि विष्णु को समर्पित मानी जाती है और माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

By Shaurya Punj | November 28, 2025 12:59 PM

Ekadashi in December 2025: सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व माना गया है. यह तिथि श्रीहरि विष्णु को समर्पित होती है और ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य को पापों से मुक्ति, सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है. वर्ष 2025 के दिसंबर महीने में तीन महत्वपूर्ण एकादशी तिथियां आ रही हैं – मोक्षदा, सफला और पुत्रदा एकादशी. प्रत्येक एकादशी का अपना अलग महत्व और धार्मिक फल बताया गया है.

मोक्षदा एकादशी: पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का दिन

  • दिसंबर 2025 की पहली एकादशी मोक्षदा एकादशी है. यह एकादशी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में आती है.
  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 30 नवंबर 2025, सुबह 09:29 बजे
  • समापन: 01 दिसंबर 2025, रात 07:01 बजे
  • व्रत तिथि: 01 दिसंबर 2025, सोमवार
  • पारण का समय: 02 दिसंबर 2025, सुबह 06:57 बजे से 09:03 बजे तक

मोक्षदा एकादशी को विशेष रूप से पितरों की मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति से जोड़कर देखा जाता है. पुराणों के अनुसार, इस व्रत को रखने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है और मनुष्य के जीवन में बाधाओं का निवारण होता है.

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    सफला एकादशी: हर कार्य में सफलता दिलाने वाली तिथि

    • दिसंबर की दूसरी एकादशी सफला एकादशी होगी, जो पौष मास की कृष्ण पक्ष तिथि में आती है.
    • एकादशी तिथि प्रारंभ: 14 दिसंबर 2025, शाम 06:49 बजे
    • समापन: 15 दिसंबर 2025, रात 09:19 बजे
    • व्रत तिथि: 15 दिसंबर 2025, सोमवार

    सफला एकादशी का अर्थ है — जीवन में सफलता प्राप्त करना. इस दिन व्रत रखने से कार्यों में सफलता मिलती है और जीवन से निराशा एवं नकारात्मकता दूर होती है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन उपवास करता है, उसके रुके हुए काम भी बनते हैं.

    पुत्रदा एकादशी: संतान इच्छुक दंपतियों के लिए शुभ

    • दिसंबर की तीसरी एकादशी पुत्रदा एकादशी होगी, जो पौष शुक्ल पक्ष में पड़ती है.
    • एकादशी तिथि प्रारंभ: 30 दिसंबर 2025, सुबह 07:50 बजे
    • समापन: 31 दिसंबर 2025, सुबह 05:00 बजे
    • व्रत तिथि: 30 दिसंबर 2025, मंगलवार

    संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपतियों के लिए यह एकादशी अत्यंत शुभ मानी जाती है. मान्यता है कि श्रद्धापूर्वक व्रत रखने से संतान सुख प्राप्त होता है और गृहस्थ जीवन में खुशहाली बढ़ती है.

    एकादशी व्रत का महत्व

    • दिसंबर में पड़ने वाली ये तीनों एकादशी व्रत आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली मानी गई हैं.
    • श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है
    • मन को शांति और मानसिक संतुलन मिलता है
    • पापों से मुक्ति और जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं
    • पुत्रदा एकादशी विशेष रूप से संतान प्राप्ति में सहायक मानी जाती है
    • इन तिथियों पर व्यक्ति का आत्मबल बढ़ता है और जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है.