Easter Sunday 2021 Date: ईसाइयों के लिए क्यों खास होता है ईस्टर डे, जानिए इसका महत्व

Easter Sunday 2021 Date: ईसाइयों के लिए ईस्टर डे का पर्व बेहद खास माना जाता है. इस दिन ईसाइयों के प्रभु ईसा मसीह मृत्यु के तीन दिन बाद फिर से जीवित हो उठे थे, जिस कारण ये पर्व बेहद ही धूम धाम से मनाया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2021 3:55 PM

Easter Sunday 2021 Date: ईसाइयों के लिए ईस्टर डे का पर्व बेहद खास माना जाता है. इस दिन ईसाइयों के प्रभु ईसा मसीह मृत्यु के तीन दिन बाद फिर से जीवित हो उठे थे, जिस कारण ये पर्व बेहद ही धूम धाम से मनाया जाता है. इस बार ये त्योहार 4 अप्रैल दिन रविवार को मनाया जायेगा. इस दिन बड़ी संख्या में ईसाई लोग चर्च जाते हैं और भगवान यीशु के पुन: जीवित होने की खुशी मनाते हैं.

कैसे मनाया जाता है ईस्टर-डे

ईस्टर पर्व का पहला सप्ताह ईस्टर सप्ताह कहलाता है. इस दौरान लोग प्रार्थना करते हैं, व्रत रखते हैं. इस खास पर्व पर सभी चर्चों को सजाया जाता है. इस दिन चर्च में मोमबत्तियां जलाने के अलावा लोग अपने घरों को भी मोमबत्तियों से रौशन करते हैं. इस दिन विशेष तौर पर बाइबल का पाठ किया जाता है. मान्यता है कि स्वयं ईसा मसीह ने उन्हें कष्ट पहुंचाने वाले लोगों को मांफ कर दिया था. इसी प्रकार ईस्टर संडे का पर्व शत्रुता भुलाकर क्षमा करने का संदेश देता है.

क्यों मनाया जाता है ईस्टर पर्व?

मान्यता है कि गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह ने अपने शरीर का त्याग कर दिया था. ईसा मसीह ने अपनी मृत्यु के तीसरे दिन बाद वे दोबारा जीवित हो उठे थे. माना जाता है कि पुनर्जन्म के बाद ईसा मसीह 40 दिनों तक अपने शिष्यों के बीच रहे थे. उन्होंने प्यार और सत्य बांटने के लिए दोबारा जन्म लिया था. फिर करीब 40 दिनों के बाद यीशु हमेशा के लिए स्वर्ग चले गए थे, तभी से ईस्टर पर्व 40 दिनों तक मनाया जाता है. यह पर्व असत्य पर सत्य एवं हिंसा पर अहिंसा की जीत का दिन माना गया है.

ईस्टर पर अंडे का महत्व

ईस्टर पर्व पर लोग अंडे सजाकर एक दूसरे को गिफ्ट करते हैं. इसके पीछे मान्यता है कि अंडे अच्छे दिनों की शुरुआत का संदेश देते हैं. इसाई धर्म में ईस्टर के दिन रंगीन अंडे छिपाने की परंपरा भी है. ये अंडे माता पिता अपने बच्चों से छिपाते हैं. जिन्हें बच्चों को ढूंढना होता है. ईसाई धर्म में अंडे पुनरुत्थान का प्रतीक माने जाते हैं.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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