Dussehra 2025: दशहरा के दिन अपराजिता के फूलों से करें ये उपाय, जानें इसके धार्मिक महत्व

Dussehra 2025: इस साल विजयादशमी का पर्व 2 अक्टूबर को है. यह दिन अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि दशहरा के अवसर पर कुछ विशेष उपाय करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं. खासतौर पर अपराजिता के फूलों का प्रयोग इस दिन बेहद शुभ माना जाता है.

By JayshreeAnand | October 2, 2025 10:05 AM

Dussehra 2025: दशहरा का पर्व केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश ही नहीं देता, बल्कि इस दिन किए गए कुछ धार्मिक उपाय जीवन में सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं. मान्यता है कि दशहरा के दिन अपराजिता के फूल का प्रयोग बेहद शुभ फल देने वाला होता है.

अपराजिता के फूलों से करें ये उपाय

इस दिन पूजा करते समय मां लक्ष्मी को अपराजिता के फूल अर्पित करें. ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-समृद्धि बनी रहती है. पूजा के बाद इन फूलों को तिजोरी या पर्स में रख लेना चाहिए. माना जाता है कि इस उपाय से धन की कमी दूर होती है और आय के नए साधन प्राप्त होते हैं.

कार्य में मिलती है सफलता

दशहरा के अवसर पर अपराजिता के फूलों की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है. मान्यता है की इस दिन पूजा करने से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है और रुके हुए काम आसानी से पूरे होने लगते हैं. साथ ही घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.

अपराजिता के महत्त्व

अपराजिता के पौधे और फूल से देवी पूजा की जाती है. श्रद्धालु इस पूजा के माध्यम से अपनी मनोकामनाएँ मांगते हैं, और माना जाता है कि देवी मां उन्हें पूरा करती हैं. इस पूजा से भक्त साल भर भय और बाधाओं से मुक्त रहते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. अपराजिता का फूल और पौधा असत्य पर सत्य की जीत का भी प्रतीक माना जाता है.

सुख-समृद्धि का प्रतिक

अपराजिता का फूल विजय और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसलिए दशहरा के पावन अवसर पर इसका प्रयोग करने से जीवन की रुकावटें दूर होती हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.

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