Chhath Puja 2021 Gur Wali Kheer Recipe: छठ पूजा के दूसरे दिन बनाएं गुड़ वाली खीर का प्रसाद, यहां देखें रेसिपी

Chhath Puja 2021 Gur Wali Kheer Recipe: छठ के दूसरे दिन इस प्रसाद को बनाकर सूर्य देवता को चढ़ाया जाता है. खरना का प्रसाद 'रसियाव' बनाने के लिए चावल, दूध और गुड़ का इस्‍तेमाल किया जाता है. चावल और दूध चंद्रमा का प्रतीक है और गुड़ सूर्य का प्रतीक है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2021 11:07 AM

Chhath Puja 2021 Gur Wali Kheer Recipe: आज छठ का दूसरा दिन है. महिलाओं ने आज खरना के साथ निर्जला व्रत रखा है. खरना में गुड़ और चावल की खीर बनाई जाती है. इस खीर को आम की लड़की और मिट्टी के चूल्‍हे पर बनाया जाता है. छठ के दूसरे दिन इस प्रसाद को बनाकर सूर्य देवता को चढ़ाया जाता है. खरना का प्रसाद ‘रसियाव’ बनाने के लिए चावल, दूध और गुड़ का इस्‍तेमाल किया जाता है. चावल और दूध चंद्रमा का प्रतीक है और गुड़ सूर्य का प्रतीक है.

खरना के दिन बनाएं गुड़ वाली खीर

खीर की सामाग्री-

  • चावल- 500 ग्राम

  • गुड़- 150 ग्राम

  • दूध- 2 लीटर

बनाने की विधि-

सबसे पहले दूध को गर्म कर लें. इसके बाद इसमें थोड़ा सा (लगभग 1 गिलास) पानी मिला लें. अब इसमें चावल को धूलकर डाल दें, फिर चावल दूध को अच्छे से मिक्स कर लें. इसके बाद दोनों को धीमी आंच पर पका लें, बीच-बीच में कलछी चलाते रहे. चावल जब अच्छे से पक जाए तो उस गैस या मिट्टी के चूल्हे से उतार दें. ठंडा होने के बाद इसमें गुड़ को अच्छे से तोड़कर मिला दें. अब खीर में एक बार चम्मच या कलछी से अच्छे से मिला लें. अब आपकी खीर तैयार है. इसे भोग लगाने के बाद सबके प्रसाद के रूप में बांट दें.

छठ पूजा 2021 तिथिः (Chhath Puja 2021 Tithi)

08 नवंबर: दिन- सोमवार- नहाय खाय.

09 नवंबर: दिन- मंगलवार- खरना.

10 नंवबर: दिन- बुधवार- छठ पूजा, डूबते सूर्य को अर्घ्य.

11 नवंबर: दिन- गुरुवार- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, छठ पूजा समापन

छठी मैया से मिलता है आशीर्वाद

छठ पर्व में छठी मैया (Chhathi Maiya) की पूजा-आराधना की जाती है. संतान प्राप्‍ती और संतान के उज्‍जवल भविष्‍य के लिए छठी माता का आशीर्वाद लिया जाता है. इस दौरान महिलाएं बेहद कठिन व्रत रखती हैं, साथ ही पूजा के लिए तैयारियां भी करती हैं. छठ पूजा में कई सारी चीजों की जरूरत पड़ती है. आज छठ के लिए नहाए-खाए करने के बाद कल (9 नवंबर 2021) को खरना होता है. इसी दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं. इसके अगले दिन 10 दिसंबर को महिलाएं सूर्य का अर्ध्‍य देती हैं. 11 दिसंबर को उगते सूर्य को अर्ध्‍य देने के साथ छठ पर्व पूरा होता है.

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