Chandra Grahan 2025: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण समाप्त, अब ठीक 14 दिन बाद लगेगा सूर्यग्रहण

Chandra Grahan 2025 Updates: साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है. खगोल विज्ञान प्रेमियों और श्रद्धालुओं के लिए यह एक अद्भुत दृश्य रहा. पूर्ण चंद्रमा का लालिमा लिए रूप दुनिया भर में लोगों ने देखा और इसे विशेष आध्यात्मिक महत्व के साथ जोड़ा. वैज्ञानिकों ने भी इसे खास अवसर बताया.

By Shaurya Punj | September 8, 2025 4:49 AM

Chandra Grahan 2025 Updates: साल का अंतिम चंद्रग्रहण अब समाप्त हो गया है. भारत में इसे अलग-अलग शहरों जैसे दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, भुवनेश्वर और गुवाहाटी समेत कई अन्य स्थानों से दिखा. भारत में ब्लड मून रात 11 बजे से शुरू होकर 12 बजकर 22 मिनट तक आसमान में दिखाई दिया. जिन क्षेत्रों में ग्रहण दिखाई देगा, वहां पारंपरिक रीति-रिवाज और धार्मिक नियम लागू हुए. अब ठीक 14 दिनों बाद सूर्य ग्रहण लगेगा.

लाइव अपडेट

ठीक 14 दिन बाद लगेगा सूर्य ग्रहण


अब ठीक 14 दिन बाद सूर्य ग्रहण होने जा रहा है. यह ग्रहण खगोल शास्त्र की दृष्टि से उतना ही रोचक माना जा रहा है. भारत समेत कई देशों में इसकी आंशिक और पूर्ण दृश्यता देखने को मिलेगी.वैज्ञानिक और ज्योतिषाचार्य दोनों ही इसके प्रभावों पर अध्ययन कर रहे हैं.

चंद्र ग्रहण का पीक समय आरंभ

ग्रहण का सर्वाधिक असर रात 11:01 बजे से 12:22 बजे तक रहेगा. इस दौरान इसका चरम बिंदु रात 11:42 बजे से शुरू हुआ है. इसी वक्त दुनिया भर में लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं.

वैज्ञानिक दृष्टि से चंद्रग्रहण

धार्मिक मान्यता के अनुसार चंद्र ग्रहण तब लगता है जब राहु चंद्रमा को ग्रस लेता है.लेकिन विज्ञान की दृष्टि से, यह एक खगोलीय घटना है.जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है, तभी चंद्र ग्रहण दिखाई देता है.

चंद्र ग्रहण 2025 का समापन समय

7–8 सितंबर 2025 की रात का यह चंद्र ग्रहण भारत में देर रात समाप्त होगा . इसकी शुरुआत 7 सितंबर को रात 8:58 बजे पेनुम्ब्रल चरण से हुई, फिर 9:57 बजे आंशिक ग्रहण आरंभ हुआ और 11:01 बजे यह पूर्ण ग्रहण में परिवर्तित हो गयागयागया.

अगर आप भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो चंद्र ग्रहण के शुभ समय में उनके पवित्र नामों का जप करना विशेष फलदायी माना गया हैहैहै.

भगवान विष्णु के 108 नामों की शुरुआत:

ॐ श्री प्रकटाय नमः

ॐ श्री वयासाय नमः

ॐ श्री हंसाय नमः

ॐ श्री वामनाय नमः

ॐ श्री गगनसदृश्यमाय नमः

ॐ श्री लक्ष्मीकान्ताय नमः

ॐ श्री प्रभवे नमः

ॐ श्री गरुड़ध्वजाय नमः

अगर आप भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो चंद्र ग्रहण के शुभ समय में उनके पवित्र नामों का जप करना विशेष फलदायी माना गया हैहैहै.

भगवान विष्णु के 108 नामों की शुरुआत:

ॐ श्री प्रकटाय नमः

ॐ श्री वयासाय नमः

ॐ श्री हंसाय नमः

ॐ श्री वामनाय नमः

ॐ श्री गगनसदृश्यमाय नमः

ॐ श्री लक्ष्मीकान्ताय नमः

ॐ श्री प्रभवे नमः

ॐ श्री गरुड़ध्वजाय नमः

शुरु हुआ साल का दुसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण

साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण शुरू हो चुका है. यह ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू हुआ है और 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. इसे इस साल का सबसे लंबा चंद्रग्रहण भी कहा जा रहा है.

चंद्रग्रहण देखना शुभ है या अशुभ?

खगोलीय दृष्टि से चंद्रग्रहण एक सामान्य प्राकृतिक घटना है, जो हर साल होती है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण को देखना शुभ नहीं माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण देखने से मन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं.

ये राशि वाले लोग चंद्रग्रहण के दौरान रहें सावधान

चंद्रग्रहण के दौरान कर्क, कन्या और मीन राशि के लोगों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। इस समय स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां सामने आ सकती हैं और पैसों का नुकसान होने की संभावना भी बनी रहती है।

भारत में इस समय नजर आएगा लाल चांद

भारत में लाल चांद यानी ब्लड मून रात 11 बजे से शुरू होकर 12 बजकर 22 मिनट तक आसमान में दिखाई देगा. वैज्ञानिकों और ज्योतिष दोनों की दृष्टि से यह एक बेहद खास और दुर्लभ घटना मानी जा रही है.

भारत के इन शहरों में आज लाल चांद दिखाई देगा

भारत के अलग-अलग शहरों, खासतौर पर दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, भुवनेश्वर और गुवाहाटी सहित कई अन्य शहरों में आज लाल चांद दिखाई देगा.

चंद्रग्रहण के दौरान जानें ग्रहों की स्थिति

चंद्रग्रहण को दौरान ग्रहों की खास स्थिति देखने को मिलेगी, जहां चंद्रमा और राहु कुंभ राशि में रहेंगे, सूर्य, बुध और केतु सिंह राशि में होंगे, मंगल कन्या राशि में, शनि मीन राशि में, गुरु मिथुन राशि में और शुक्र कर्क राशि में विराजमान रहेंगे.

चंद्र ग्रहण के दौरान राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव से कैसे बचें?

मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रभाव बढ़ जाता है ऐसे भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना गया है. इसके अलावा दुर्गा माता के मंत्रों का जप भी राहु-केतु के बुरे प्रभाव को दूर करने में मदद करता

चंद्र ग्रहण के दौरान राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव से कैसे बचें?

मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रभाव बढ़ जाता है ऐसे भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना गया है. इसके अलावा दुर्गा माता के मंत्रों का जप भी राहु-केतु के बुरे प्रभाव को दूर करने में मदद करता

चंद्र ग्रहण के समय बच्चों को क्या करना चाहिए?

चंद्र ग्रहण के समय बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इस दौरान उन्हें खाना-पीना टालना चाहिए और घर के अंदर रहना बेहतर होता है. टीवी, मोबाइल या कंप्यूटर का इस्तेमाल कम करना चाहिए, साथ ही हल्का ध्यान या मंत्र जप कर सकते हैं जिससे मानसिक शांति मिलती है.

सूतक काल में वरतें ये सावधानियां

अभी सूतक काल चल रहा है. हिंदू धर्म में ग्रहण से पहले शुरू होने वाले समय को सूतक काल कहा जाता है, जो ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले लगता है. इस दौरान भोजन, पानी, पूजा-पाठ और अन्य शुभ कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए. नए काम या शुभ योजना को इस समय टाल देना चाहिए.

चंद्रग्रहण वाले दिन पैदा हुए बच्चे पर असर

अगर किसी का जन्म चंद्रग्रहण के दौरान होता है, तो वह रहस्यमयी स्वभाव का होता है, आसानी से समझा नहीं जा सकता, अपने अंतर्ज्ञान से दूसरों को चौंका सकता है और आध्यात्मिक क्षेत्र में सफलता पा सकता है, लेकिन भावनात्मक रूप से कभी-कभी कमजोर भी हो सकता है.

चंद्रग्रहण पर करें ये उपाय, मिलेगा मन की शांति और खुशहाली

चंद्र ग्रहण के दिन चांदी या मोती पहनना शुभ माना गया है. इसके साथ ही इस दिन सफेद कपड़े, दूध और दही का दान करने से भी चंद्रमा मजबूत होता है और जीवन में खुशहाली आती है.

चंद्रग्रहण सूतक में सोना क्यों नहीं चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण के सूतक काल में सोना अशुभ होता है. मान्यता है कि सूतक के समय सोने से शरीर और मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसी वजह सलाह दी जाती है कि इस अवधि में जागकर मंत्र जप, ध्यान या अन्य आध्यात्मिक कार्य करना चाहिए.

चंद्रग्रहण सूतक में सोना वर्जित क्यों है ?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण के सूतक काल में सोना अशुभ होता है. मान्यता है कि सूतक के समय सोने से शरीर और मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसी वजह सलाह दी जाती है कि इस अवधि में जागकर मंत्र जप, ध्यान या अन्य आध्यात्मिक कार्य करना चाहिए.

चंद्रग्रहण सूतक में सोना क्यों नहीं चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण के सूतक काल में सोना अशुभ होता है. मान्यता है कि सूतक के समय सोने से शरीर और मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसी वजह सलाह दी जाती है कि इस अवधि में जागकर मंत्र जप, ध्यान या अन्य आध्यात्मिक कार्य करना चाहिए.

चंद्र ग्रहण क्या है?

जब धरती, सूरज और चांद एक सीधी लाइन में आ जाते हैं तो चांद पर धरती की छाया पड़ती है. इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है. यह खास घटना सिर्फ पूर्णिमा की रात को ही होती है, क्योंकि तभी चांद पूरा दिखाई देता है.

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं. इस दौरान भोजन करना, सोना, तेल मालिश करना, पानी पीना, शौच क्रिया करना, बालों में कंघी करना और दाँत साफ करना अशुभ माना जाता है. इसके अतिरिक्त इस समय यौन संबंध बनाने तथा भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए.

सूतक काल शुरु

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है. इस बार 7 सितंबर की दोपहर 12:57 बजे से सूतक लग चुका है, जो 8 सितंबर की सुबह 1:26 बजे ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा. हालांकि बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए सूतक शाम 6:36 बजे से लागू माना जाएगा.

सूतक काल शुरु

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है. इस बार 7 सितंबर की दोपहर 12:57 बजे से सूतक लग चुका है, जो 8 सितंबर की सुबह 1:26 बजे ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा. हालांकि बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए सूतक शाम 6:36 बजे से लागू माना जाएगा.

सूतक काल की शुरुआत कब होगी?

आज 7 सितंबर 2025 को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण से जुड़ा सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से प्रारंभ होगा. यह काल ग्रहण लगने से ठीक 9 घंटे पहले आरंभ होता है और ग्रहण की समाप्ति तक प्रभावी रहता है.

भारत के अलावा कहां कहां नजर आएगा चंद्रग्रहण

भारत के अलावा 7-8 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा. यह खगोलीय घटना उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी हिस्सों, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी भागों, प्रशांत और अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका सहित आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी नजर आएगी.

पूर्ण चंद्रग्रहण और ब्लड मून

पूर्ण चंद्रग्रहण को ब्लड मून भी कहा जाता है क्योंकि इस दौरान चंद्रमा लाल रंग में दिखाई देता है. यह दुर्लभ खगोलीय घटना तब होती है जब चंद्रमा, पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है. परिणामस्वरूप चंद्रमा धीरे-धीरे लाल और नारंगी रंग में चमकता हुआ नजर आता है.

सूतक काल के शुरू होने का समय

आज चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा. यह काल ग्रहण के समापन के साथ समाप्त होगा, यानी 01:26 बजे रात तक रहेगा.

ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का करें जाप

तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥

अर्थ: हे अंधकाररूप महाभीम, चंद्र-सूर्य का नाश करने वाले राहु! सुवर्णतारा दान से मुझे शांति और सुरक्षा प्रदान करें.

विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥

अर्थ: हे सिंहिकानन्दन (पुत्र), अच्युत! हे विधुन्तुद, नाग के इस दान द्वारा ग्रहणजनित भय और नकारात्मक प्रभाव से मेरी रक्षा करें.

चंद्र ग्रहण के बाद क्या करें?

चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करना आवश्यक है. इसके बाद स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. ग्रहण के दौरान पहने गए कपड़े बदल दें। फिर पूजा करें और भगवान को भोग अर्पित करें. घर में रखे भोजन, दूध, जूस आदि में तुलसी के पत्ते डालें. तुलसी के शुभ प्रभाव से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता है.

सूतक काल में क्या न करें

सूतक काल के दौरान शुभ कार्य, भोजन बनाना और खाना, स्नान, दान, सोना, पूजा-पाठ आदि सभी गतिविधियां निषिद्ध होती हैं। हालांकि, ये नियम बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं और अस्वस्थ व्यक्तियों पर लागू नहीं होते. उनके लिए सूतक काल शाम 6:36 बजे से शुरू होगा.

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए

चंद्र ग्रहण के समय कुछ गतिविधियों से पूरी तरह बचना चाहिए. भोजन करना, सोना, तेल मालिश, जल ग्रहण, मल-मूत्र विसर्जन, बालों में कंघी करना, दातुन करना और यौन गतिविधियों में लिप्त होना इस दौरान वर्जित हैं. साथ ही, भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करना भी निषिद्ध माना गया है.

आज कौन सा ग्रहण है?

7 सितंबर 2025 को सूर्य ग्रहण नहीं, बल्कि चंद्र ग्रहण लग रहा है. इस साल का सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को आश्विन अमावस्या को होगा. याद रखें, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है, जबकि सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या के दिन घटित होता है.

चंद्रमा लाल क्यों दिखाई देता है?

जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो उसकी सबसे गहरी छाया, जिसे अम्ब्रा (Umbra) कहा जाता है, चंद्रमा की सतह पर पड़ती है. इसके कारण पूर्ण चंद्रग्रहण होता है. इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह अंधेरे में नहीं छुपता, बल्कि गहरे लाल और तांबे रंग की चमक में दिखाई देता है.

चंद्र ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं?

चंद्र ग्रहण की प्रकृति इस बात पर निर्भर करती है कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा किस प्रकार संरेखित होते हैं. मुख्य रूप से तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण होते हैं:

पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse)

इसमें पृथ्वी की छाया पूरी तरह चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा पूरी तरह अंधकारमय दिखाई देता है.

आंशिक चंद्रग्रहण (Partial Lunar Eclipse)

इस प्रकार के ग्रहण में चंद्रमा का केवल एक हिस्सा ही पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि चंद्र सतह का एक भाग काटा गया है. छाया के कारण वह हिस्सा काला दिखाई देता है.

पेनुमब्रल चंद्रग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse)

इसमें पृथ्वी की हल्की बाहरी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यह ग्रहण पूरी तरह स्पष्ट नहीं होता और इसे देखना अन्य प्रकार के ग्रहण की तुलना में मुश्किल हो सकता है.

बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं का सूतक समय

चंद्र ग्रहण 2025 का सामान्य सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा. हालांकि, बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए इस सूतक में विशेष छूट दी गई है. इनके लिए सूतक शाम 6:35 बजे से लागू होगा और जैसे ही चंद्र ग्रहण समाप्त होगा, यह सूतक भी खत्म हो जाएगा.

पितृ पक्ष और चंद्रग्रहण का दुर्लभ संगम

इस साल का पूर्ण चंद्रग्रहण और भी विशेष बन गया है क्योंकि यह पितृ पक्ष के दौरान पड़ रहा है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय श्रद्धा और भक्ति के साथ पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और दान करने से उनकी आत्मा तृप्त होती है. पितरों की संतुष्टि से परिवार में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है.

पूर्ण चंद्रग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?

7-8 सितंबर 2025 को लगने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप के विभिन्न हिस्सों से देखा जा सकेगा. भारत में इसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे, लखनऊ, हैदराबाद और चंडीगढ़ सहित अन्य बड़े शहरों से साफ तौर पर देखा जा सकेगा.हालांकि, इसकी दृश्यता मौसम, बादल और प्रदूषण पर निर्भर करेगी.

पूर्ण चंद्र ग्रहण का राशि और नक्षत्र

इस साल का पूर्ण चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा. इस दौरान चंद्रमा के साथ राहु, सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध विराजमान रहेंगे. इस विशेष संयोजन का कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए इन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.

हिंदू परंपरा में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता

हिंदू परंपरा के अनुसार चंद्र ग्रहण अक्सर पूर्णिमा के दिन होता है और इसे अशुभ माना जाता है. इस साल पड़ रहा चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा के दिन हो रहा है, इसलिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय विशेष सावधानी और नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है.

जानें ग्रहण के दौरान कौन से काम नहीं करना चाहिए

ग्रहण के दौरान आपको भगवान की मूर्ति को स्‍पर्श नहीं करना चाहिए, इसके साथ ही घर के पूजा स्‍थल में भी आपको पर्दा या फिर कोई कपड़ा डाल देना चाहिए. ध्‍यान रखें कि इस दौरान भगवान को भी ग्रहण के दर्शन न हों. ग्रहण के समय सभी धार्मिक स्‍थानों के कपाट बंद हो जाते हैं. वहीं खाने-पीने के समान में तुलसी पत्ता डाल देनी चाहिए.

ग्रहण के दौरान बाहर निकलने से करना चाहिए परहेज

ग्रहण के दौरान, यह माना जाता है कि पृथ्वी पर हानिकारक किरणें फैल जाती हैं. इसलिए घर के अंदर रहना चाहिए और सीधे ग्रहण देखने से बचना चाहिए.

क्या चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाएं देख सकती हैं

धार्मिक मान्यताओं अनुसार चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं को बिल्कुल भी नहीं देखना चाहिए क्योंकि इसका बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है.

चंद्र ग्रहण में न करें ये काम

चंद्र ग्रहण के दौरान खाने से परहेज करना चाहिए.

ग्रहण के कारण रखा हुआ भोजन विष के समान हो जाता है, जिसे यदि आप ग्रहण करते हैं तो आपको कई स्वास्थ्य दिक्कतें हो सकती हैं.

जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें ग्रहण के दौरान भूलकर भी घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि ग्रहण का पेट में जन्म ले रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है.

ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए.

चंद्र ग्रहण के समय करें इन मंत्रों का जाप

चंद्र ग्रहण दिखे या न दिखे लेकिन इसके कारण तमाम राशियों पर प्रभाव पड़ता है. मान्यता है कि यदि चंद्र ग्रहण वाले दिन चंद्रमा के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’ अथवा भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए. इससे अशुभ प्रभाव खत्म होते हैं.

भारत के अलावा किन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?

भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण 7-8 सितंबर को उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी हिस्से, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र, प्रशांत और अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, आर्कटिक और अंटार्कटिका से भी देखा जा सकेगा.

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय भोजन करना, सोना, तेल मालिश करना, पानी पीना, शौचादि क्रिया, बालों में कंघी करना, दांत साफ करना और यौन संबंध बनाना वर्जित माना गया है. इसके साथ ही इस दौरान भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए.

चंद्र ग्रहण कितने बजे लगेगा?

आज का चंद्र ग्रहण रात 09:58 बजे से शुरू होगा. दृक पंचांग के अनुसार, इसका उपच्छाया स्पर्श रात 08:59 बजे होगा, जबकि प्रच्छाया स्पर्श रात 09:58 बजे से शुरू होकर धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा.