Chaitra Navratri 2025: मां दुर्गा से जुड़ी 5 रहस्यमयी बातें, जो जानकर आप हैरान रह जाएंगे
Chaitra Navratri 2025: हिन्दू धर्म में माता रानी का देवियों में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है. उन्हें अम्बे, जगदम्बे, शेरावाली, पहाड़ावाली आदि विभिन्न नामों से जाना जाता है. सम्पूर्ण भारत में उनके सैकड़ों मंदिर स्थित हैं, जो ज्योतिर्लिंगों से भी अधिक संख्या में हैं. सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती त्रिदेव की पत्नियाँ मानी जाती हैं. इनके जीवन और कथाओं के बारे में पुराणों में विविध जानकारी उपलब्ध है. देवी पुराण में देवी के रहस्यों का विस्तृत वर्णन किया गया है.
Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि सिर्फ व्रत-उपवास या पूजा-पाठ का नाम नहीं, ये नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों को समझने और उनके गहरे संदेशों को अपनाने का भी समय होता है. आइए, इस मौके पर जानें मां दुर्गा से जुड़ी 5 ऐसी बातें जो शायद आपने पहले कभी गौर से नहीं सुनी होंगी:
मां दुर्गा – भगवान शिव की शक्ति का रूप
भगवान शिव जहां योग, ध्यान और शांति का प्रतीक माने जाते हैं, वहीं मां दुर्गा को उनकी ‘शक्ति’ कहा जाता है. दोनों मिलकर इस ब्रह्मांड का संतुलन बनाते हैं – एक सन्नाटा तो दूसरी ऊर्जा.
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मां की आठ भुजाएं – हर दिशा से रक्षा का संकेत
मां दुर्गा की मूर्तियों में आपने देखा होगा – उनके 8 हाथ होते हैं और हर हाथ में अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र होते हैं. हर हथियार बुराई से लड़ने का प्रतीक है, और मां हर दिशा से अपने भक्तों की रक्षा करती हैं.
मां की सवारी – शेर या बाघ, डर पर जीत की पहचान
मां दुर्गा की सवारी कभी शेर होती है तो कभी बाघ. ये जानवर निडरता, शक्ति और साहस के प्रतीक हैं. यही संदेश है कि मां दुर्गा के साथ कोई डर टिक नहीं सकता.
एक नहीं, मां दुर्गा के हैं 9 रूप
नवरात्रि में हम रोज एक अलग रूप की पूजा करते हैं – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री. हर रूप एक खास गुण और शक्ति का प्रतीक है.
तीन आंखों वाली देवी – हर चीज पर नजर
मां दुर्गा को ‘त्रिनेत्रधारी’ भी कहा जाता है. उनकी बाईं आंख चंद्रमा का प्रतीक है – शांति और प्रेम. दाईं आंख सूर्य का प्रतीक – ऊर्जा और शक्ति. और तीसरी आंख अग्नि – बुराई को नष्ट करने वाली ताकत.
मां दुर्गा सिर्फ पूजा की मूर्ति नहीं, वो एक प्रेरणा हैं कि कैसे एक महिला में अपार शक्ति होती है, जो जरूरत पड़ने पर बुराई से लड़ सकती है और अपनों की रक्षा कर सकती है. चैत्र नवरात्रि में सिर्फ पूजा ही नहीं करें, मां के इन गुणों को अपनी जिंदगी में भी अपनाएं.
