बुद्ध पूर्णिमा 2025 में कब करें पूजा? जानिए तारीख, समय और महत्व

Buddha Purnima 2025: बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. यह दिन केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि हिन्दू धर्म में भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है. बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. चूंकि भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा को हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा कहा जाने लगा. इस दिन स्नान-दान के साथ-साथ महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार भी महत्वपूर्ण है. आइए, पंचांग के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा की सही तिथि और इसके महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं.

By Shaurya Punj | May 10, 2025 2:21 PM

Buddha Purnima 2025: हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा को एक ऐसा दिन आता है जो न केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए, बल्कि सभी आध्यात्मिक साधकों के लिए विशेष होता है बुद्ध पूर्णिमा. इस दिन को भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की स्मृति में मनाया जाता है. यानी ये दिन उनके पूरे जीवन के तीन सबसे बड़े मोड़ों को एक साथ याद करता है.

बुद्ध, जिन्हें कई हिंदू परंपराओं में भगवान विष्णु का नौवां अवतार भी माना जाता है, उन्होंने इस दिन बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति की थी. पर क्या आप जानते हैं कि दक्षिण भारत में इस मान्यता को लेकर अलग धारणा है? वहां बुद्ध को विष्णु का अवतार नहीं माना जाता, बल्कि बलराम को आठवां और कृष्ण को नौवां अवतार माना जाता है.

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बुद्ध पूर्णिमा सिर्फ किसी धर्म का त्योहार नहीं, बल्कि ये उस रोशनी का उत्सव है जो अंदर से जीवन को बदल देती है—सच, अहिंसा और करुणा की ओर ले जाती है.

बुद्ध पूर्णिमा 2025: कब है यह पावन दिन?

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 11 मई 2025, रात 8:01 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त – 12 मई 2025, रात 10:25 बजे

मुख्य पर्व की तिथि (उदय तिथि अनुसार) – सोमवार, 12 मई 2025

इस दिन को लेकर एक और खास बात ये है कि 2025 में भगवान बुद्ध की 2587वीं जयंती मनाई जाएगी.

बुद्ध पूर्णिमा पर क्या करें?

इस दिन गंगा स्नान, ध्यान, व्रत, और दान विशेष फलदायी माने जाते हैं. लोग मंदिरों में भगवान बुद्ध और विष्णु की पूजा करते हैं और शांति, सुख और समृद्धि की कामना करते हैं.

क्या करें इस दिन

  • सुबह सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान करें
  • भगवान बुद्ध के चित्र या प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं
  • “बुद्धं शरणं गच्छामि” का जाप करें
  • जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र का दान करें
  • मांस-मदिरा से दूर रहें और सात्विक भोजन करें
  • दिनभर संयम और मौन रखने का प्रयास करें

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

बुद्ध पूर्णिमा केवल भगवान बुद्ध की जन्मतिथि नहीं है, यह उनके ज्ञान और त्याग की भावना का उत्सव है. इस दिन उन्होंने जीवन के तीन बड़े सत्य- दुख, उसका कारण और मुक्ति का मार्ग दुनिया को बताए. ये दिन हमें ये सिखाता है कि अगर आप खुद को बदलना शुरू करें, तो दुनिया भी बदल सकती है. हिंदू धर्म में भी बुद्ध के ज्ञान को आध्यात्मिक विकास का जरिया माना गया है. कर्म, मोक्ष और शांति के सिद्धांत दोनों परंपराओं को जोड़ते हैं.

बुद्ध पूर्णिमा सिर्फ एक पर्व नहीं, एक जीवन दर्शन है. यह दिन हमें अपने अंदर झांकने, अपने अहंकार को त्यागने और करुणा व प्रेम के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है. अगर आप भी जीवन की दौड़ में थोड़ा ठहरना चाहते हैं, मन को शांत करना चाहते हैं तो 12 मई 2025 को बुद्ध पूर्णिमा पर खुद से मिलिए.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847