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Astro Tips: शाम के समय ये चीजें उधार दीं तो बढ़ेंगी टेंशन और रुकेंगे काम

Astro Tips : शास्त्रों में बताए गए इन नियमों का पालन कर हम जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रख सकते हैं. विशेषकर संध्या काल को केवल पूजन, ध्यान और आत्ममंथन का समय माना गया है.

By Ashi Goyal | June 2, 2025 10:20 PM
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Astro Tips: सनातन धर्म और ज्योतिष शास्त्र में समय, दिशा और ग्रहों का विशेष महत्व बताया गया है. खासकर दिन के कई पहरों में किए गए कार्यों का प्रभाव हमारे जीवन पर सीधा पड़ता है. ऋषियों-मुनियों ने कुछ वस्तुओं को विशेष समय पर उधार देने या न देने की सलाह दी है. खासकर संध्या काल अर्थात् सूर्यास्त के समय कुछ चीजें उधार देने से न केवल कार्यों में विघ्न उत्पन्न होते हैं, बल्कि मानसिक तनाव और आर्थिक संकट भी बढ़ सकते हैं. आइए जानते हैं उन पांच वस्तुओं के बारे में जिन्हें शाम के समय उधार देना वर्जित माना गया है:-

– दूध – लक्ष्मी का अपमान

शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्यास्त के बाद दूध का दान या उधार देना देवी लक्ष्मी का निरादर माना जाता है. यह कार्य करने से घर में दरिद्रता का प्रवेश होता है और आर्थिक रूप से हानि होती है. इससे व्यापार और आय के स्रोतों में रुकावटें आने लगती हैं. अगर किसी को दूध देना ही हो तो सुबह के समय देना अधिक शुभ होता है.

– दीया या अग्नि – ऊर्जा की क्षति

संध्या समय दीपक जलाना अत्यंत शुभ और देवी आराधना का अंग है. लेकिन इस समय किसी को दीया, माचिस या अग्नि संबंधी वस्तु उधार देना घर की सकारात्मक ऊर्जा को बाहर भेजने के समान होता है। इससे घर की शांति भंग होती है और कार्यों में रुकावटें आने लगती हैं.

– नमक – कलह का कारण

नमक को शास्त्रों में चंद्र और शुक्र ग्रह से जोड़ा गया है. सूर्यास्त के बाद नमक उधार देने से घर में कलह, मानसिक तनाव और रिश्तों में कटुता उत्पन्न हो सकती है. यह प्रेम और सौहार्द को समाप्त करने वाला कार्य माना जाता है. अतः इस समय नमक उधार देने से बचना चाहिए.

– झाड़ू – दरिद्रता का प्रतीक

झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है और इसे हमेशा छुपाकर रखने की सलाह दी जाती है. सूर्यास्त के बाद झाड़ू उधार देना लक्ष्मी के घर से प्रस्थान करने के समान होता है. इससे घर में आर्थिक तंगी, अनचाही परेशानियां और रोग-शोक का प्रवेश होता है.

– पैसे या लेन-देन – भाग्य रुकता है

संध्या समय धन का लेन-देन करने से भाग्य का प्रभाव मंद पड़ता है. यह समय पूजन और ध्यान का होता है, न कि धन के प्रवाह का. इस समय उधार दिए गए धन की वापसी में देरी होती है और धन संबंधी कष्ट उत्पन्न होते हैं.

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शास्त्रों में बताए गए इन नियमों का पालन कर हम जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रख सकते हैं. विशेषकर संध्या काल को केवल पूजन, ध्यान और आत्ममंथन का समय माना गया है. अतः इस समय किसी भी प्रकार का उधार देना शास्त्रविरुद्ध है और इससे बचना चाहिए. रोज़ाना संध्या के समय दीपक जलाकर तुलसी माता की पूजा करें, इससे शुभ फल प्राप्त होते हैं और गृहदोष भी शांत होता है.

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