Aja Ekadashi 2022: मंगलवार को रखी जाएगी अजा एकादशी, बन रहे हैं शुभ योग, जानें मुहूर्त और व्रत पूजा विधि

Aja Ekadashi 2022: अजा एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है तथा कई अश्वमेध यज्ञ कराने के समान ही पुण्य लाभ मिलता भी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2022 3:06 PM

Aja Ekadashi 2022: भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी व्रत रखा जाता है. इस साल ये व्रत 23 अगस्त को रखा जाएगा. मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है तथा कई अश्वमेध यज्ञ कराने के समान ही पुण्य लाभ मिलता भी है.

अजा एकादशी व्रत एवं पूजा विधि

  • एकादशी के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व स्नान ध्यान करें

  • अब भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाकर, फलों तथा फूलों से भक्तिपूर्वक पूजा करें

  • पूजा के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें

  • दिन में निराहार एवं निर्जल व्रत का पालन करें

  • इस व्रत में रात्रि जागरण करें

  • द्वादशी तिथि के दिन प्रातः ब्राह्मण को भोजन कराएं व दान-दक्षिणा दें

  • द्वादशी तिथि को ब्राह्मण भोजन करवाने के बाद उन्हें दान-दक्षिणा दें

  • फिर स्वयं भोजन करें

अजा एकादशी कथा

अज एकादशी की कथा राजा हरिशचन्द्र से जुडी़ हुई है. राजा हरिशचन्द्र अत्यन्त वीर प्रतापी और सत्यवादी ताजा थे. उसने अपनी सत्यता एवं वचन पूर्ति हेतु पत्नी और पुत्र को बेच देता है और स्वयं भी एक चाण्डाल का सेवक बन जाते हैं. इस संकट से मुक्ति पाने का उपाय गौतम ऋषि उन्हें देखते हैं. महर्षि ने राजा को अजा एकादशी व्रत के विषय में बताया. गौतम ऋषि के कथन सुनकर राजा मुनि के कहे अनुसार विधि-पूर्वक व्रत करते हैं.

इसी व्रत के प्रभाव से राजा के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. व्रत के प्रभाव से उसको पुन: राज्य मिल गया. अन्त समय में वह अपने परिवार सहित स्वर्ग लोक को गया. यह सब अजा एकाद्शी के व्रत का प्रभाव था. जो मनुष्य इस व्रत को विधि-विधान पूर्वक करते है. तथा रात्रि में जागरण करते है. उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते है. और अन्त में स्वर्ग जाते है. इस एकादशी की कथा के श्रवण मात्र से ही अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है.

अजा एकादशी का महत्व

हिन्दू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जो भक्त विधि विधान से इस व्रत को करते हुए रात्रि जागरण करते हैं, उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और अंत में वे स्वर्गलोक को प्राप्त होते हैं. इसके अलावा अजा एकादशी की कथा को सुनने मात्र से भक्तजनों को अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है.

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