माता का आगमन घोड़ा पर, मुर्गा पर विदाई
समस्तीपुर : शक्ति की अधिष्ठात्री भगवती की आराधना का पर्व नवरात्र सनातन धर्म में उत्साह व उल्लास पूर्वक मनाने की परंपरा है़ वर्ष के दो नवरात्रों में शारदीय नौ दुर्गा व वासंतिक नौ गौरी व्रत व दर्शन-पूजन को समर्पित है़ वासंतिक नवरात्र का आरंभ हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा सेहोता है़ इसे चैत्रीय नवरात्र भी […]
समस्तीपुर : शक्ति की अधिष्ठात्री भगवती की आराधना का पर्व नवरात्र सनातन धर्म में उत्साह व उल्लास पूर्वक मनाने की परंपरा है़ वर्ष के दो नवरात्रों में शारदीय नौ दुर्गा व वासंतिक नौ गौरी व्रत व दर्शन-पूजन को समर्पित है़ वासंतिक नवरात्र का आरंभ हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा सेहोता है़ इसे चैत्रीय नवरात्र भी कहा जाता है़
इस बार चैत्रीय नवरात्ररंभ 21 मार्च शनिवार को समापन 28 मार्च शनिवार को हो रहा है़ षष्ठी तिथि क्षय के कारण इस बार नवरात्र आठ दिनों का है़ ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी के अनुसार माता का आगमन इस बार घोड़ा पर और गमन मुर्गा पर हो रहा है. इसके अनुसार माता का आना और जाना दोनों इस बार शुभ नहीं.
नवरात्र इस बार आठ दिवसीय
कलश स्थापन प्रात: 8:48 से 10:44
कलश स्थापन ध्वजारोपण का शुभ समय स्थिर वृष लग्न प्रात: 8:48 से 10:44 तक है़ अभिजीत मुहूर्त प्रात: 11:36 से 12:24 तक भी कलश स्थापन किया जा सकता है़ अष्टमी व्रत रखने वालों के लिए 28 मार्च को नवमी में प्रात: 5:12 के बाद पारन कर सकते हैं. नवरात्र की पारणा 29 को दशमी में प्रात: 5:55 के बाद की जायेगी़ नवरात्र का हवन आदि अनुष्ठान 28 की रात या 29 मार्च की भोर 5:54 से करना शास्त्र सम्मत होगा
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तारीखवार नवरात्र तिथि व दर्शन
21 मार्च : नवरात्र प्रथम दिन (प्रतिपदा दिन में 1.04 तक) मुख निर्मालिका गौरी दर्शन.
22 मार्च : द्वितीया दिन में 10.55 तक, ज्येष्ठा गौरी का दर्शन.
23 मार्च : तृतीया सुबह 8.58 तक, सौभाग्य गौरी दर्शन.
24 मार्च : चतुर्थी प्रात: 7.22 तक, श्रृंगार गौरी दर्शन.
25 मार्च : प्रात: 6.07 तक पंचमी और उसके बाद षष्ठी-विशालाक्षी व ललिता गौरी दर्शन.
26 मार्च : सुबह 5.21 तक षष्ठी फिर सप्तमी -अन्नपूर्णा परिक्रमा व भवानी गौरी दर्शन.
27 मार्च : सुबह 5 बजे तक सप्तमी, दुर्गाष्टमी व्रत व मंगला गौरी दर्शन.
28 मार्च : नवमी दिन भर महालक्ष्मी गौरी दर्शऩ रात 10 से 12 तक नवरात्र हवन
29 मार्च : प्रात: 5.54 बाद नवरात्र व्रत पारण
