रामचरित मानस पाठ से परिवार में होता है सुख का वास

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम व जनकपुत्री जानकी का विवाह मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की शुक्ल पक्ष पंचमी को हुआ था. इस बार विवाह पंचमी 1 दिसंबर को मनायी जायेगी. इसका उल्लेख श्रीरामचरितमानस में महाकवि गोस्वामी तुलसीदासजी ने किया है. इस पर्व को भारत के साथ-साथ नेपाल में भी प्रमुखता से मनाया जाता है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2019 6:45 AM
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम व जनकपुत्री जानकी का विवाह मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की शुक्ल पक्ष पंचमी को हुआ था. इस बार विवाह पंचमी 1 दिसंबर को मनायी जायेगी. इसका उल्लेख श्रीरामचरितमानस में महाकवि गोस्वामी तुलसीदासजी ने किया है. इस पर्व को भारत के साथ-साथ नेपाल में भी प्रमुखता से मनाया जाता है, क्योंकि वहीं माता सीता की जन्मस्थली जनकपुर है.
भगवान रात को चेतना और मां सीता को प्रकृति का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में दोनों का मिलन इस सृष्टि के लिए उत्तम माना जाता है. विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम और माता सीता के संयुक्त रूप की उपासनी की जाती है. ऐसा करने से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इस दिन रामचरित मानस और बालकांड में भगवान राम और सीता के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ माना जाता है. इससे परिवार में सुख का वास होता है.