मां की कृपा पाने के लिए की जाती है उपासना

अनुपम कुमारी ,पटना... नवरात्रि हिंदुओं का एक पवित्र त्योहार है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सभी देवताओं में शक्तिशाली देवी दुर्गा को पूर्णतः समर्पित है. यह त्योहार नौ दिनों तक मनाया जाता है. भक्त देवी का आशीर्वाद पाने के लिए और अपने जीवन के दुखों को दूर करने के लिए मां दुर्गा के नौ रूपों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2018 1:06 PM

अनुपम कुमारी ,पटना

नवरात्रि हिंदुओं का एक पवित्र त्योहार है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सभी देवताओं में शक्तिशाली देवी दुर्गा को पूर्णतः समर्पित है. यह त्योहार नौ दिनों तक मनाया जाता है. भक्त देवी का आशीर्वाद पाने के लिए और अपने जीवन के दुखों को दूर करने के लिए मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों को प्यार, निर्भयता, साहस और आत्मविश्वास और कई अन्य दिव्य आशीर्वाद देती हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, नवरात्र अश्विन की शुक्ल पक्ष के पहले दिन शुरू होता है. इन्हीं नौ दिनों कि अवधि के दौरान माता दुर्गा ने महिषासुर राक्षस को मार डाला था,

देवी दुर्गा का, देवी मां के रूप में विशेष धार्मिक महत्व है.नवरात्रि का त्योहार सच्ची भक्ति और पवित्रता के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है. मंदिरों में माता की नौ दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.जगह-जगह पंडाल बनाये जाते हैं. मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है.वहीं, कई राज्यों में पूरे नौ दिनों तक रामलीला का आयोजन किया जाता है. पंडालों को फूलों व लाइटों से सजावट की जाती है. मां दुर्गा को देवी या शक्ति (ऊर्जा या शक्ति) के रूप में जाना जाता है.नवरात्रि के दौरान हम हमारे भीतर के भगवान की ऊर्जा का आह्वान करते है और इसकी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने के लिए खुद को तैयार करते हैं, जो हमारे निर्माण, संरक्षण आदि में मदद करता है.

देश में ‘नवरात्र’ के हैं कई रूप

देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से इस त्योहार को मनाया जाता है.कहीं कुछ लोग पूरी रात गरबा और आरती कर नवरात्र का व्रत करते हैं तो कुछ लोग व्रत और उपवास रख मां दुर्गा और उसके नौ रूपों की पूजा करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्र का त्योहार क्यों मनाया जाता है? इसकी मान्यता क्या है? सदियों से हम नवरात्र का त्योहार मनाते आ रहे हैं, व्रत रखते आ रहे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से इस त्योहार को मनाया जाता है. कहीं कुछ लोग पूरी रात गरबा और आरती कर नवरात्र के व्रत रखते हैं तो वहीं कुछ लोग व्रत और उपवास रख मां दुर्गा और उसके नौ रूपों की पूजा करते हैं.

नवरात्र से जुड़ी कहानी

नवरात्र के पीछे असल कहानी क्या है?इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा है. महिषासुर नाम का एक बड़ा ही शक्तिशाली राक्षस था. ब्रह्मा उसकी तपस्या से खुश हुए और उसे दर्शन देकर कहा कि जो भी वर चाहिए वो मांग सकता है. महिषासुर ने अमर होने का वरदान मांगा. महिषासुर की ऐसी बात सुनकर ब्रह्मा बोले,’जो इस संसार में पैदा हुआ है उसकी मौत निश्चित है. जीवन और मृत्यु को छोड़कर जो चाहो मांग लो. ऐसा सुनकर महिषासुर ने कहा,’ ठीक है प्रभु, फिर मुझे ऐसा वरदान दीजिए कि मेरी मृत्यु न तो किसी देवता व न किसी असुर के हाथों हो . अगर मृत्यु हो तो किसी स्त्री के हाथों.’महिषासुर की ऐसी बात सुन कर ब्रह्माजी ने तथास्तु कहा और चले गये. महिषासुर राक्षसों का राजा बन गया उससे अब देवता भी घबराने लगे. महिषासुर से रक्षा करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ आदि शक्ति की आराधना की. उन सभी के शरीर से एक दिव्य रोशनी निकली जिसने एक बेहद खूबसूरत अप्सरा के रूप में देवी दुर्गा का रूप धारण कर लिया, फिर लड़ाई शुरू हो गयी जो नौ दिनों तक चली. दसवें दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर दिया. तभी से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है.