Grahan in September 2025: सितंबर 2025 में कब और कहां लगेंगे सूर्य और चंद्र ग्रहण
Grahan in September 2025: सितंबर 2025 में पड़ने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण का विशेष ज्योतिषीय महत्व है. इन ग्रहणों का सीधा प्रभाव सभी 12 राशियों पर देखा जाएगा. मान्यता है कि ग्रहण काल न केवल जीवन की ऊर्जा को प्रभावित करता है बल्कि करियर, स्वास्थ्य और संबंधों में भी गहरा असर डालता है.
Grahan in September 2025: सितंबर महीने में दो बड़े खगोलीय घटनाक्रम देखने को मिलेंगे, जब सूर्य और चंद्र ग्रहण एक के बाद एक घटित होंगे. ये ग्रहण ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी राशियों पर गहरा और महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे, जिससे व्यक्तिगत जीवन और वैश्विक घटनाओं में बड़े बदलाव आ सकते हैं. यह एक ऐसी स्थिति है जिस पर हर किसी की नजर रहेगी कि इन ग्रहणों का उनके भविष्य पर क्या असर होता है और आने वाले दिनों में क्या नई चुनौतियां या अवसर सामने आते हैं.
सितंबर के ग्रहण: एक खगोलीय घटना
सितंबर 2025 का महीना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण होने वाला है, क्योंकि इस माह दो बड़े ग्रहण लगेंगे. पहला चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को होगा, जो भारत में दृश्यमान रहेगा. इसके ठीक 15 दिन बाद, 21 सितंबर को साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा. यह दोनों ग्रहण पितृपक्ष के दौरान पड़ रहे हैं, जिससे इनका महत्व और भी बढ़ जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार, ये खगोलीय घटनाएं राशियों पर गहरा असर डाल सकती हैं.
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है. धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को विशेष महत्व दिया गया है. चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है. वहीं, सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता. ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के दौरान राहु और केतु का नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है. 7 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में होगा. यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होकर 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका सूतक काल भी मान्य होगा, जो ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले, यानी दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा. इसके बाद 21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि में और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो रात 11 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर को सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक चलेगा. यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. यह ग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर जैसे क्षेत्रों में देखा जा सकेगा.
सूर्य राशि और चंद्र राशि में अंतर समझना
अपनी राशि के अनुसार ग्रहण के प्रभावों को समझने के लिए सूर्य राशि और चंद्र राशि के बीच के अंतर को जानना महत्वपूर्ण है.
सूर्य राशि आपके बाह्य स्वरूप को दर्शाती है, जबकि चंद्र राशि आपके आंतरिक स्वरूप को प्रकट करती है. सूर्य को सभी 12 राशियों का भ्रमण करने में लगभग 12 महीने लगते हैं, और यह एक राशि में लगभग एक महीने तक रहता है, इसलिए सूर्य राशि आपकी मूल पहचान, व्यक्तित्व और जीवन के उद्देश्यों को दर्शाती है. यह बताती है कि आप दुनिया के सामने कैसे दिखते हैं और आपकी मान्यताएं क्या हैं.
वहीं, चंद्र राशि आपके जन्म के समय चंद्रमा की स्थिति को दर्शाती है. चंद्रमा बहुत तेजी से चलता है और लगभग ढाई दिन तक एक राशि में रहता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, व्यक्ति के व्यक्तित्व और भावनाओं पर चंद्र राशि का गहरा प्रभाव होता है. चंद्र राशि आपके अंतर्मन, भावनाओं, गहरी इच्छाओं और भय को प्रकट करने में मदद करती है. सटीक भविष्यवाणियों के लिए ज्योतिष विशेषज्ञ केवल एक राशि पर निर्भर रहने के बजाय सूर्य राशि, चंद्र राशि, लग्न और जन्म कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति का अध्ययन करना आवश्यक मानते हैं.
ग्रहण का राशियों पर सामान्य प्रभाव
सितंबर में लगने वाले इन दो ग्रहणों का सभी 12 राशियों पर कुछ शुभ और कुछ अशुभ प्रभाव पड़ सकता है. ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहण काल को आमतौर पर अशुभ माना जाता है, और इस दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है.
मेष से कन्या राशि पर असर
- मेष राशि
चंद्र ग्रहण के कारण मेष राशि वालों की सेहत में समस्याएं आ सकती हैं, और खर्चे बढ़ सकते हैं. आर्थिक फैसले सोच-समझकर लेने की सलाह दी जाती है. वहीं, सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों मेष राशि वालों के लिए शुभ रहेंगे, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, आय में वृद्धि होगी और करियर में मनचाही सफलता मिल सकती है.
- वृषभ राशि
इन ग्रहणों का वृषभ राशि वालों पर मिश्रित प्रभाव देखने को मिल सकता है. उन्हें धैर्य बनाए रखने और किसी भी बड़े फैसले को टालने की सलाह दी जाती है.
- मिथुन राशि
मिथुन राशि के लोगों को अपने स्वास्थ्य और पारिवारिक मामलों में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. अनावश्यक विवादों से दूर रहने की सलाह दी जाती है.
- कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को संभलकर रहना होगा. भावनात्मक रूप से कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं, इसलिए मन को शांत रखने का प्रयास करें.
- सिंह राशि
सिंह राशि वालों को सूर्य और चंद्र ग्रहण से लाभ हो सकता है. आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, मन प्रसन्न रहेगा और नौकरी में पदोन्नति के अवसर मिल सकते हैं. व्यावसायिक लाभ और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने की भी संभावना है. हालांकि, उन्हें छोटी-छोटी बातों पर नाराज होने और रिश्तों पर असर पड़ने से बचने के लिए वाणी पर संयम रखने की सलाह दी जाती है.
- कन्या राशि
कन्या राशि वालों को स्वास्थ्य और वित्तीय मामलों में सतर्क रहना पड़ सकता है. सूर्य ग्रहण कन्या राशि में ही लग रहा है. उन्हें सोच-समझकर निर्णय लेने और अनावश्यक खर्चों से बचने की जरूरत है.
तुला से मीन राशि पर असर
- तुला राशि
सूर्य और चंद्र ग्रहण से तुला राशि वालों का भाग्योदय हो सकता है. शैक्षिक कार्यों में सफलता, निवेश के नए अवसर और रिश्तों में सुधार आने की संभावना है. वैवाहिक जीवन में खुशहाली और प्रेम संबंधों में मधुरता आ सकती है.
- वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों को इन ग्रहणों से लाभ हो सकता है. नौकरीपेशा लोगों के लिए शुभ समय रहेगा, और घर में मांगलिक कार्यों का आयोजन हो सकता है. रिश्तों में आपसी समझ और तालमेल बेहतर होगा, और सामाजिक पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि की संभावना है.
- धनु राशि
धनु राशि वालों को आर्थिक मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए. शनि ढैय्या के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखना महत्वपूर्ण होगा.
- मकर राशि
मकर राशि वालों को करियर और व्यापार से जुड़े फैसलों में सतर्कता बरतनी होगी. वाद-विवाद से बचने और शांति बनाए रखने की सलाह दी जाती है.
- कुंभ राशि
कुंभ राशि में चंद्र ग्रहण लगेगा. कुंभ राशि वालों को किसी प्रियजन से धोखा मिल सकता है और छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है. निवेश से नुकसान की संभावना है, इसलिए नकारात्मक लोगों से दूरी बनाकर रखें. वर्तमान में कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण चल रहा है, जिससे उन्हें शारीरिक और व्यावसायिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
- मीन राशि
मीन राशि वालों को करियर और आर्थिक मामलों में सतर्कता बरतनी होगी. खर्चों में वृद्धि और भ्रम की स्थिति बन सकती है. लंबी दूरी की यात्रा से सावधान रहें, और परिवार व ऑफिस में बहस से बचें. हालांकि, चंद्र ग्रहण की वजह से मीन राशि वालों को सुख-समृद्धि और धन से जुड़ा लाभ भी हो सकता है. अगले 15 दिन बिजनेस में फायदे का संयोग बन रहा है. शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण के कारण इन्हें भी आर्थिक नुकसान और कान, नाक, गले की परेशानी हो सकती है.
ग्रहण के दौरान सावधानियां
ग्रहण काल को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संवेदनशील समय माना जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहण के समय कई सावधानियां बरतनी चाहिए:
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ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण न करें. यदि संभव न हो तो खाने और पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें, क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से ग्रहण का प्रभाव भोजन या पानी पर नहीं पड़ता. बालक, वृद्ध, मरीज और गर्भवती महिलाएं अन्न ग्रहण कर सकती हैं.
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ग्रहण के समय पूजा-पाठ, आरती या भगवान की मूर्ति को छूने से बचें. मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.
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ग्रहण के दौरान खाना बनाने से परहेज करें.
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गर्भवती महिलाओं को ग्रहण देखने से बचना चाहिए और घर के अंदर ही रहना चाहिए. उन्हें कैंची, सुई, ब्लेड या चाकू का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों में काटने की मनाही रहती है. ऐसा करने से बच्चे में शारीरिक या मानसिक विकृति होने की मान्यता है.
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ग्रहण के समय सोना, फल-फूल तोड़ना भी वर्जित माना जाता है.
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ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, क्योंकि इससे हानिकारक पराबैंगनी किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
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ग्रहण के दौरान मन ही मन ईश्वर का नाम लेना चाहिए, गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना विशेष फायदेमंद होता है. सूर्य और राहु के मंत्रों का भी जप किया जा सकता है.
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ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें या घर में स्नान के जल में किसी तीर्थ का जल मिलाकर स्नान करें.
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स्नान के बाद कंबल, काली तिल या अन्न का दान करना शुभ माना जाता है.
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