पढ़ें, वीना श्रीवास्तव की दो कविताएं

वीना श्रीवास्तव का जन्म 14 सितंबर को हुआ. इन्होंने हिंदी और अंग्रेजी भाषा में स्नातकोत्तर की डिग्री ली है. 1991 में राष्ट्रीय सहारा के साथ पत्रकारिता की शुरुआत की.बारह वर्षों तक पत्रकारिता किया, लेकिन अब स्वतंत्र लेखन कर रही हैं. इनके कई प्रकाशित कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें ‘तुम और मैं’, मचलते ख्वाब,लड़कियां, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 16, 2017 4:08 PM
वीना श्रीवास्तव का जन्म 14 सितंबर को हुआ. इन्होंने हिंदी और अंग्रेजी भाषा में स्नातकोत्तर की डिग्री ली है. 1991 में राष्ट्रीय सहारा के साथ पत्रकारिता की शुरुआत की.बारह वर्षों तक पत्रकारिता किया, लेकिन अब स्वतंत्र लेखन कर रही हैं. इनके कई प्रकाशित कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें ‘तुम और मैं’, मचलते ख्वाब,लड़कियां, शब्द संवाद प्रमुख हैं. आकाशवाणी से नाटकों का प्रसारण . देश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कविता, कहानी और आलेख प्रकाशित हो चुके हैं. कई सम्मान भी मिल चुके हैं जिनमें श्यामधारा सम्मान (उत्तर प्रदेश),प्रमोद वर्मा युवा सम्मान (इजिप्ट),सृजन सम्मान (छत्तीस गढ़), शब्द मधुकर सम्मान (मध्य प्रदेश) .
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मीठी चांदनी

तुम्हें याद है
चांद की मीठी चांदनी
जिसमें
घुल रहा था शहद
जिसको पिया था हमने
साथ – साथ
सूरज की तपती बारिश में
जब तुमने
बहाया था पसीना
और हमने चाटी थी
लहसुन की चटनी
घटाओं की टिप – टिप में
जब छत से गिरते नीर ने
बजाया था जलतरंग
हम नाचे थे देर तक
सुर्ख हो गई थी
अरमानों की भूमि
दुआ करती हूं
यूं ही
सबको मिलती रहे
शहद से मीठी चांदनी
पसीने से सराबोर
लहसुन की चटनी
मन के आनंद के लिए
छत से गिरती बारिश
आधार
मत बैठो तर्कों के ढेर पर
नहीं ढहर पाओगे
मेरे सामने
तुम्हारे पास तर्क है
मेरे पास
भावनाओं का संसार
तुम्हारे पास सुमन हैं
मेरे पास महक
तुम्हारे पास जीवन है
मेरे पास
जीवन का आधार…

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