रांची में दोस्ती बनाने-बढ़ाने में मदद कर रहा मॉर्निंग वॉक का ट्रेंड, यहां सुख-दुख भी शेयर करते हैं लोग

यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है, ये ना हो तो क्या फिर बोलो ये जिंदगी है... गायक केके की आवाज में गाया यह गीत दोस्ती के मतलब को बखूबी समझाता है. दोस्ती एक प्यार भरा अहसास है और अच्छे मित्र कुदरत का तोहफा होते हैं, जो हमारी लाइफ को आसान बनाते हैं.

By Nutan kumari | November 23, 2022 2:05 PM
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दोस्तों के बिना जीवन नीरस होता है और लोग अपनी लाइफ को पूरी तरह इंज्वॉय नहीं कर पाते हैं. दोस्त हमारे सुख-दुख के साथी होते हैं. ऐसे दोस्त कब-कहां मिल जायें, हमें पता भी नहीं चलता है. आज हम बात कर रहे हैं, वैसे लोगों की, जिनकी दोस्ती मॉर्निंग वॉक (सुबह की सैर) करते समय हुई और आज वे एक-दूसरे के अच्छे खासे दोस्त हैं. ऐसे लोगों में युवा से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं. ऐसे लोग सुबह की सैर के बाद चाय की चुस्की के साथ देश-दुनिया की चर्चा करते नजर आ जायेंगे. इनमें से कई लोग सामाजिक सरोकार से भी जुड़े हैं.

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रांची के मोरहाबादी मैदान में सुबह टहलने के क्रम में एक ऐसा ग्रुप बना, जो बाद में सामाजिक सरोकार से भी जुड़ गया. रांची की विभिन्न जगहों से यहां टहलने आनेवाले अधिवक्ता केके दयाल, जगदीश साहू, ईश्वर चंद सिंह, सरदार गोबिंद सिंह, प्रभु गोप, सुबोध गुप्ता, अजीत पांडेय, हरि नारायण गुप्ता, रंजीत चौरसिया, उमेश मंडल का एक ग्रुप बन गया. ये लोग एक-दूसरे के दोस्त बन गये. ये लोग अपनी सेहत का ख्याल रखने के साथ-साथ औरों की भी सहायता करने लगे. इस ग्रुप में 50 से 85 वर्ष तक लोग शामिल हैं. ये लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए मोरहाबादी में पौधरोपण भी करते हैं. हर रविवार को यहां श्री दयाल के निर्देशन में पौधरोपण किया जाता है. इसके अलावा लोगों की स्वास्थ्य जांच के लिए शिविर भी लगाते हैं.

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रांची के मोरहाबादी मैदान में काफी संख्या में सीनियर सिटीजन भी मॉर्निंग वॉक करते नजर आते हैं. सुबह छह बजे से इस ग्रुप के बुजुर्गों का जमावड़ा यहां शुरू हो जाता है. इस ग्रुप में 60-70 लोग हैं. ये लोग मोरहाबादी में 1995 से ही मॉर्निंग वॉक करते आ रहे हैं. उम्र के इस पड़ाव में सेहतमंद रहने व सुख-दुख बांटने के लिए सुनील कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक लाफ्टर ग्रुप बनाया गया है. सुबह-सुबह मोरहाबादी मैदान इनके ठहाकों से गूंज उठता है. कोकर निवासी ग्रुप के सदस्य मदन सिंह बताते हैं कि 2013 में वे वॉकिंग के दौरान इस ग्रुप से जुड़े. इन लोगों से दोस्ती होने के बाद जीवन आसान लगने लगा. हर संडे नाश्ता पार्टी होती है. इसका हमलोग खूब लुत्फ उठाते हैं.

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छह साल पहले तीन दोस्तों ने मॉर्निंग वॉक शुरू की. इसे बाद धीरे-लोग लोग जुड़ते गये और एक ग्रुप बन गया. आज ग्रुप में अरसंडे, कांके के एक दर्जन से अधिक लोग हैं. ये लोग अब एक-दूसरे के दोस्त बन गये हैं और सुख-दुख में साथ रहते हैं. ये लोग हर दिन सात से आठ किलोमीटर की दूरी हंसते-खेलते तय करते हैं. सुबह छह से 7.30 बजे तक ये लोग टहलते हैं. टीम में 64 साल के सीसीएल के पूर्व सुरक्षा अधिकारी चक्रपानी घोष हैं, तो प्रोफेशनल फोटोग्राफर हरेंद्र त्रिपाठी भी हैं. इसके अलावा पशु चिकित्सक डॉ सुरेश कुमार, बिजनेस मैन बेनू सरकार, मुकेश सिंह, अमित सिंह, शहवाज रिजवी, रिम्स में कार्यरत विकास कुमार, सरकारी कर्मी लाल साहेब व बैंक मैनेजर राजीव कुमार भी टीम में हैं.

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रांची के दीपाटोली निवासी प्रतिमा कुमारी अपना वजन कम करने के लिए पिछले तीन साल से खेलगांव में मॉर्निंग वॉक कर रही हैं. वॉकिंग के दौरान उनकी मुलाकात न्यू नगर की पूनम वर्मा से हुई. फिर दोनों एक साथ वॉकिंग कर ने लगी. धीरे-धीरे दोनों अच्छी दोस्ती हो गयी. प्रतिमा बताती हैं कि हम दोनों हाउस वाइफ हैं.

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रांची के बरियातू निवासी कोमल रूंगटा ने बताया कि मोरहाबादी में मॉर्निंग वॉक करने के दौरान लालपुर निवासी सखी शिखा खीरवाल, कविता व निधि से मुलाकात हुई. बातचीत के बाद आपस में अब चारों की खूब जमने लगी. इसके बाद कोमल हेल्थ एक्सपर्ट के तौर पर सबको वॉकिंग के फायदे बताने लगीं. चारों अब बेस्ट फ्रेंड बन गयी हैं.

रिपोर्ट : लता रानी, रांची

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