अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का फैसला

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जिस तरह कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने का ऐतिहासिक फैसला दिया है, वह न्याय के मूलभूत सिद्धांतों की जीत है. इस फैसले से पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तान के नेता व्यर्थ के बयान दे रहे हैं. भारत को चाहिए कि वह कूटनीतिक स्तर पर इस विषय में सक्रिय रहे और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 24, 2017 6:14 AM
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जिस तरह कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने का ऐतिहासिक फैसला दिया है, वह न्याय के मूलभूत सिद्धांतों की जीत है. इस फैसले से पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तान के नेता व्यर्थ के बयान दे रहे हैं. भारत को चाहिए कि वह कूटनीतिक स्तर पर इस विषय में सक्रिय रहे और कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए लगातार प्रयास करता रहे.
अभी पाकिस्तान ने इस मामले में रिव्यू याचिका दाखिल की है. भारत के पास एक बार फिर से मौका है कि वह अपना पक्ष मतबूती के साथ रखे जिससे जाधव की रिहाई संभव हो सके. इस मामले में पाकिस्तान की स्थिति कमजोर है. यदि भारत लगातार सक्रिय रह कर पाकिस्तान को अलग-थलग कर दे, तो कुलभूषण जाधव की शीघ्र रिहाई संभव है.
डॉ. प्रभात कुमार, इमेल से

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