प्रेम का सही अर्थ समझ गये तो हर दिन प्रेम दिवस

कहते हैं कि किसी को सच्चे प्रेम का एहसास करवाने और उनसे इजहार करने में जिंदगी बीत जाती है. अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि उसके मां-बाप, बीबी-बच्चे उनसे प्यार नहीं करते, पर यह सत्य है कि जब लोग जन्म लेते हैं तो सबसे पहले मां के सान्निध्य में होते हैं, फिर पिता और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 15, 2019 7:16 AM

कहते हैं कि किसी को सच्चे प्रेम का एहसास करवाने और उनसे इजहार करने में जिंदगी बीत जाती है. अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि उसके मां-बाप, बीबी-बच्चे उनसे प्यार नहीं करते, पर यह सत्य है कि जब लोग जन्म लेते हैं तो सबसे पहले मां के सान्निध्य में होते हैं, फिर पिता और परिवार वालों से परिचय होता है. इसके बाद धीरे-धीरे समाज से घुलते-मिलते हैं.

हालांकि उम्र के एक खास पड़ाव में लड़के व लड़कियों में आपसी खिंचाव बढ़ने लगता है. लेकिन रही बात प्यार की तो नदियों, वृक्षों, जानवरों, ईश्वर व अपने काम के प्रति भी लोगों का प्रेम सर्वविदित है. कहा जाये तो प्रेम एक खूबसूरत एहसास है. अगर इसे सच्चे अर्थ में समझ लिया जाये तो हर एक दिन प्रेम दिवस है.

आनंद पांडेय, रोसड़ा (समस्तीपुर)

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