दीवाली में प्रदूषण

प्रकाश और खुशी का एक त्योहार है दीवाली. लेकिन आजकल इस त्योहार को एक राजनीतिक मुद्दे का रूप दिया जा रहा है, जो अच्छा नहीं है. यह त्योहार मोमबत्तियों और दीपों की रोशनी के साथ मनाया जाता है. समय के साथ हुए बदलाव में लोगों ने इसे पटाखे का त्योहार बना दिया. ये पटाखे प्रदूषण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 18, 2017 6:16 AM
प्रकाश और खुशी का एक त्योहार है दीवाली. लेकिन आजकल इस त्योहार को एक राजनीतिक मुद्दे का रूप दिया जा रहा है, जो अच्छा नहीं है. यह त्योहार मोमबत्तियों और दीपों की रोशनी के साथ मनाया जाता है. समय के साथ हुए बदलाव में लोगों ने इसे पटाखे का त्योहार बना दिया. ये पटाखे प्रदूषण बढ़ाते ही है. पर्यावरण की खातिर हमें पटाखे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. बल्कि पारंपरिक रूप से दीयों का उपयोग करना चाहिए. कुछ लोग इसे धर्म से जोड़ रहे हैं.
अब हम 21 वीं सदी में हैं और हमें ज्ञान है कि क्या अच्छा और क्या बुरा है, और हम अपने त्योहारों में क्या उपयोग करें और क्या नहीं. इसके लिए दूसरों पर निर्भर नहीं हैं. हम सभी अपने एकमात्र ग्रह को समाप्त होने से बचाने में सहयोग करें.
पंकज कुमार यादव, कोलकाता

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