घाटी में हमले चिंताजनक

घाटी में हमले चिंताजनक कश्मीर घाटी में आतंकी वारदातों में अचानक आयी तेजी बहुत चिंताजनक है. गुजरे रविवार से मंगलवार के बीच अलग-अलग जगहों पर अर्धसैन्य बल तथा पुलिस बल पर बम फेंकने या गोलीबारी करने की सात घटनाएं हुई हैं. इनमें पांच घटनाएं मंगलवार को, यानी सिर्फ चौबीस घंटे के भीतर हुई हैं. दो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 15, 2017 6:33 AM
घाटी में हमले चिंताजनक
कश्मीर घाटी में आतंकी वारदातों में अचानक आयी तेजी बहुत चिंताजनक है. गुजरे रविवार से मंगलवार के बीच अलग-अलग जगहों पर अर्धसैन्य बल तथा पुलिस बल पर बम फेंकने या गोलीबारी करने की सात घटनाएं हुई हैं. इनमें पांच घटनाएं मंगलवार को, यानी सिर्फ चौबीस घंटे के भीतर हुई हैं. दो मामले ऐसे भी रहे, जिनमें एक पूर्व मंत्री और जम्मू-कश्मीर के एक पूर्व जज के आवास की रक्षा में तैनात जवानों को निशाना बनाया गया, जबकि बाकी घटनाओं में अर्द्धसैन्य बलों के कैंप या उनकी तैनाती की जगह पर हमले हुए.
आतंकी घटनाओं में आयी तेजी से इस आशंका को बल मिलता है कि सुरक्षा बलों की कड़ी चौकसी के बावजूद घाटी में आतंकियों की संख्या या गतिविधि में खास कमी नहीं आयी है. चूंकि ज्यादातर मामले अर्द्धसैन्य बलों पर हमले के हैं, सो माना जा सकता है कि आतंकवादियों की मंशा लोगों को यह संदेश देने की है कि वे भारतीय रक्षा-बलों के खिलाफ लड़ रहे हैं और घाटी की आम जनता को नुकसान पहुंचाने का उनका विशेष मकसद नहीं है.
आतंकी हमले का यह सबसे ज्यादा चिंताजनक पहलू है, क्योंकि आतंकियों का संदेश अपना असर दिखा रहा है. हमलों में कुछ जगहों पर पत्थरबाजी पर उतारु भीड़ ने आतंकियों को हिफाजती आड़ दी है. हाल की इन हिंसक घटनाओं को रमजान के महीने से जोड़ा जा रहा है. कहा जा रहा है कि आतंकी अपने हमलों को सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं. उनका मकसद यह जताना हो सकता है कि वे यह घृणित काम अपने मजहब की हिफाजत के लिए कर रहे हैं. सुरक्षा बलों को आशंका है कि रोजे के खत्म होने से पहले के हफ्ते में आतंकी गुट घाटी में किसी बड़ी बारदात को अंजाम देने की कोशिश करेंगे. इसी कारण घाटी में बढ़ रही आतंकी वारदातों को पहले से कहीं ज्यादा गंभीरता से लेने की जरूरत है.
अमरनाथ की यात्रा के शुरू होने में अब चंद दिन शेष हैं. 29 जून से शुरू होकर अगले 40 दिनों तक चलनेवाली इस सालाना यात्रा ने कालक्रम में ऐतिहासिक महत्व अर्जित कर लिया है. यात्रा को धार्मिक-प्रेरणा के साथ-साथ देश की एकता-अखंडता के अर्थों में भी देखा जाने लगा है.
पाकिस्तान प्रेरित आतंकवादियों की इस यात्रा पर विशेष नजर रहेगी और वे चाहेंगे कि अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं पर हमला करके भारत में धार्मिक विद्वेष पैदा किया जाये. सरकार हर साल यात्रियों के हिफाजत के पूरे इंतजाम करती है और इस साल भी हिफाजती इंतजाम भरपूर है, लेकिन चौकसी पहले से ज्यादा रखनी होगी.

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