‘ज्योति’ और ‘प्रसाद’ के बाद क्या अब भाजपा के होंगे ‘तुलसी’? पीएम मोदी से भेंट के बाद अटकलों का बाजार गर्म

दरअसल, केटीएस तुलसी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म होने के पीछे अहम वजह वरिष्ठ राज्यसभा सांसद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना है. हालांकि, यह बात दीगर है कि तुलसी पीएम मोदी से अपनी दिवंगत मां द्वारा गुरु गोबिंद सिंह पर लिखी गई किताब भेंट करने के सिलसिले में मुलाकात की थी, लेकिन उनकी इस भेंट के बाद सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 9, 2021 6:50 PM

नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी कांग्रेस में एक और टूट होने के आसार दिखाई दे रहे हैं. इसका कारण यह है कि मध्य प्रदेश के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया और उत्तर प्रदेश के जितिन प्रसाद का पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सदस्य केटीएस तुलसी को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. कयास यह लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं का कांग्रेस छोड़ने के बाद अब शायद केटीएस तुलसी भी पार्टी से अपना रास्ता अलग कर सकते हैं.

दरअसल, केटीएस तुलसी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म होने के पीछे अहम वजह वरिष्ठ राज्यसभा सांसद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना है. हालांकि, यह बात दीगर है कि तुलसी पीएम मोदी से अपनी दिवंगत मां द्वारा गुरु गोबिंद सिंह पर लिखी गई किताब भेंट करने के सिलसिले में मुलाकात की थी, लेकिन उनकी इस भेंट के बाद सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया.

सियासी हलकों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि केटीएस तुलसी निकट भविष्य में ही कांग्रेस से हाथ छुड़ाकर भाजपा के आंगन की शोभा बढ़ा सकते हैं. हालांकि, सियासी हलकों और विश्लेषकों के इस प्रकार के कयास पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की है. अलबत्ता, इन चर्चाओं पर केटीएस तुलसी ने जरूर कहा कि ऐसा नहीं है.

उन्होंने कहा कि किताब के प्रकाशक चाहते थे कि मैं इसकी एक प्रति पीएम मोदी को भेंट करूं. उन्होंने कहा कि सही मायने में, इस पुस्तक को वर्ष 2008 के दौरान गुरु गोबिंद सिंह की 300वीं जयंती के मौके पर प्रकाशित किया गया था.

ज्योतिरादित्य ने मार्च 2020 टीम राहुल को झटका

गौरतलब है कि कांग्रेस को सबसे पहले करारा झटका तब लगा, जब 10 मार्च 2020 को टीम राहुल के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी इस्तीफा दे दिया. ठीक उसके एक दिन बाद 11 मार्च 2020 को वे भाजपा में शामिल हो गए. कांग्रेस से उनके इस्तीफे और भाजपा में शामिल होकर केंद्रीय मंत्री बनने के भी अलग मायने हैं.

जितिन प्रसाद ने 9 जून 2021 को छोड़ी कांग्रेस

इसके बाद, देश के सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी कांग्रेस को दूसरा झटका टीम राहुल के दूसरे बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा. उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण नेता के तौर पर शुमार जितिन प्रसाद इस साल के 9 जून 2021 को भाजपा शामिल हुए थे.

क्या है कारण?

ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद जब केटीएस तुलसी ने पीएम मोदी से किताब कूटनीति के तहत मुलाकात की, तो चर्चाएं तेज हो गईं. कहा यह जाने लगा कि 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव में तस्वीर बदलने के लिए भाजपा के आंगन में तुलसी खिल सकती है.

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Posted by : Vishwat Sen

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