Waqf Amendment Bill: BJP का ब्रह्मास्त्र! विपक्ष का सपना हुआ चकनाचूर, एक साथ कई टारगेट साधा
Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल को बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. विपक्ष लगातार इस बिल का विरोध कर रहा. बिहार चुनाव से पहले यह बिल बीजेपी को बड़ा फायदा दे सकता है. विधेयक ने विपक्ष के मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति को नई चुनौती दे दी है. 288 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 232 सांसदों ने विरोध किया.
Waqf Amendment Bill: लोकसभा में देर रात वक्फ संशोधन विधेयक को बहुमत से पारित कर दिया गया. 288 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 232 सांसदों ने विरोध किया. अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसे लेकर फिर से तीखी बहस होने की संभावना है.
बीजेपी ने दिखाया राजनीतिक साहस
विपक्ष को उम्मीद थी कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे सहयोगी दलों पर निर्भर रहने के कारण मोदी सरकार इस विधेयक पर पीछे हट सकती है. लेकिन 240 सीटों पर सिमटी बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया कि वह अब भी दबावमुक्त होकर फैसले लेने में सक्षम है.
2019 में जब बीजेपी ने दूसरी बार सत्ता संभाली थी, तब उसने छह महीनों के भीतर तीन तलाक अनुच्छेद 370 और CAA जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए थे. उस समय पार्टी के पास 303 सीटों का बहुमत था. लेकिन 2024 में सीटें घटकर 240 रह जाने के बावजूद, मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को बिना किसी झिझक के पारित करवा दिया.
विपक्ष की मुस्लिम वोटबैंक रणनीति को झटका
इस विधेयक ने विपक्ष के मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति को नई चुनौती दे दी है. विपक्ष लगातार मुस्लिम समुदाय के नाम पर राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश करता आया है. लेकिन इस विधेयक ने यह संदेश दिया कि मुस्लिम समुदाय के हितों में बदलाव करना उनके खिलाफ जाने के बराबर नहीं है.
बीजेपी ने यह दिखाया कि विपक्ष का यह डराने वाला नैरेटिव अब काम नहीं करेगा. इससे विपक्ष के अंदर नया असमंजस पैदा हो सकता है. जिससे मोदी सरकार को राजनीतिक लाभ मिल सकता है.
छोटे अल्पसंख्यक समुदायों में भरोसा बढ़ा
लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि छोटे अल्पसंख्यक समुदायों, जैसे कि पारसी समुदाय, को भारत में पूरी सुरक्षा दी जा रही है. इस विधेयक के पारित होने से यह भरोसा मजबूत होगा कि सरकार सभी धार्मिक समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
चुनावी राजनीति पर असर
विधेयक का पारित होना बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति में एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है. आने वाले महीनों में बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में चुनाव होने हैं. इस कदम से बीजेपी ने दिखाया कि वह सख्त और दृढ़ राजनीतिक रुख अपनाकर अपने फैसले लागू करने में सक्षम है.
