राज्यसभा के लिए असम से निर्विरोध चुने गए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, जानें अब तक का कैसा रहा सफर

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. सोनोवाल असम के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. आइए जानते हैं, उनका अब तक का राजनीतिक सफर कैसा रहा...

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2021 6:18 PM

Assam News: केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. वे असम के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. वर्तमान में मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. उन्हें आयुष मंत्रालय और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.

सर्वानंद सोनोवाल की गिनती पूर्वोत्तर भारत के दिग्गज नेताओं में होती है. वे असम के 14वें मुख्यमंत्री रहे हैं. असम में मई 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद सोनोवाल ने 24 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. वह मई 2016 से लेकर मई 2021 तक असम के मुख्यमंत्री रहे. उनकी जगह अब हिमंत बिस्वा सरमा को असम का मुख्यमंत्री बनाया गया है.

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सर्वानंद सोनोवाल का जन्म 31 अक्टूबर 1962 को असम के डिब्रूगढ़ जिले के मुलुकगांव में हुआ था. वे अविवाहित हैं. उन्होंने एलएलबी, बीसीजे किया गया है. उन्होंने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय और गुवाहाटी विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. सोनोवाल 2001-2004 तक मोरन सीट से असम विधानसभा के सदस्य रहे हैं. 2004 में वे डिब्रूगढ़ से 14 वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. इसके बाद 2014 में लखीमपुर सीट से 16 वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए.

सर्वानंद सोनोवाल मई, 2014 से नवंबर 2014 तक केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कौशल विकास, उद्यमिता, युवा मामले और खेल मंत्रालय रहे. इसके बाद नवंबर, 2014 से मई, 2016 तक केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) युवा मामले और खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी का निर्वहन किया. इसके बाद मई 2016 में वे मजूली से दूसरी बार असम विधान सभा के सदस्य बने, जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया. मई 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में मजूली से जीतकर वे तीसरी बार विधायक बने.

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सर्बानंद सोनोवाल असम गण परिषद के स्टूडेंट विंग ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) और पूर्वोत्तर के राज्यों में असर रखने वाले नॉर्थ इस्ट स्टूडेंट्स यूनियन (NESU) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे बीजेपी का हाथ थामने से पहले असम गण परिषद के सदस्य थे. 2001 में असम गण परिषद के उम्मीदवार के रूप में ही सोनोवा सबसे पहले विधानसभा सदस्य बने और फिर 2004 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने.

Posted By: Achyut Kumar

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