56960 !
That's the total number of applications received till date from future #Agniveers in response to the #Agnipath recruitment application process on https://t.co/kVQxOwkUcz
Registration closes on 05 July 2022.
Details about the process available on the website. pic.twitter.com/fkq4HQ3cbx
— Indian Air Force (@IAF_MCC) June 26, 2022
14 जून को हुई अग्निपथ स्कीम की घोषणा
14 जून को अग्निपथ योजना पेश करते हुए, सरकार ने कहा था कि साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए भर्ती किया जाएगा जिनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा के लिए शामिल किया जाएगा. देश के कई हिस्सों में इस योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. सरकार ने 16 जून को इस योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को वर्ष 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था. साथ ही बाद में उनकी सेवानिवृत्ति पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों में उनके लिए वरीयता जैसे कई कदमों की घोषणा की थी.
इन राज्यों में मिलेगी अग्निवीरों को प्रथमिकता
भाजपा शासित कई राज्यों ने भी घोषणा की कि अग्निवीरों को राज्य पुलिस बलों में शामिल होने में प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसने अग्निवीर के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियों को आरक्षित करने का फैसला किया है. सशस्त्र बलों ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया है कि नयी भर्ती योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन और आगजनी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा.
विपक्षी दलों ने स्कीम को वापस लेने की मांग की
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों के भविष्य को लेकर अभी भी आशंका बनी हुई है क्योंकि केंद्र और कई राज्य सरकारों ने सशस्त्र बलों में सेवा के चार साल बाद सेवानिवृत्त होने पर उनके पुनर्वास के लिए एक व्यापक योजना तैयार नहीं की है. युवाओं की चिंता को और बढ़ाते हुए विपक्षी दलों द्वारा शासित किसी भी राज्य ने इस योजना के तहत अग्निवीर को काम पर रखने के लिए किसी भी अनुकूल भर्ती योजना की घोषणा नहीं की, जबकि कुछ ने इसे पूरी तरह से वापस लेने की मांग की है.
(इनपुट- भाषा)
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