केंद्र सरकार की बड़ी सौगात, बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई को कैबिनेट से मिली हरी झंडी

Insurance FDI: केंद्र सरकार ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है. बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2025 का उद्देश्य निवेश बढ़ाना, बीमा प्रसार मजबूत करना और कारोबारी सुगमता में सुधार लाना है. एलआईसी अधिनियम और इरडा अधिनियम में भी संशोधन किए जाएंगे. यह कदम पॉलिसीधारकों के हितों को सुरक्षित करने, कार्यकुशलता बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि व रोजगार को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

By KumarVishwat Sen | December 12, 2025 7:54 PM

Insurance FDI: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है. यह फैसला भारत के बीमा उद्योग में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, यह विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा.

बीमा प्रसार और कारोबारी सुगमता में होगी बढ़ोतरी

लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक, बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 को आगामी सत्र की कार्यसूची में शामिल किया गया है. इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य बीमा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना, बीमा कवरेज का विस्तार करना और व्यवसायिक वातावरण को और सुगम बनाना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में एफडीआई सीमा को 100% करने का प्रस्ताव दिया था. फिलहाल, बीमा क्षेत्र में लगभग 82,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आ चुका है, जिसे अब और अधिक बढ़ावा मिलने की संभावना है.

बीमा अधिनियम, 1938 में बड़े बदलाव प्रस्तावित

वित्त मंत्रालय ने बीमा अधिनियम, 1938 में कई महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्तावित किए हैं. इनमें प्रमुख रूप से बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाना, न्यूनतम चुकता पूंजी कम करना और संयुक्त बीमा लाइसेंस की नई व्यवस्था शामिल है. इन संशोधनों के माध्यम से नए और छोटे खिलाड़ियों को भी बीमा क्षेत्र में प्रवेश आसान होगा, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे.

एलआईसी अधिनियम में भी होगा संशोधन

एक व्यापक सुधार प्रक्रिया के तहत एलआईसी अधिनियम, 1956 और बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) अधिनियम, 1999 में भी बदलाव किए जाएंगे. एलआईसी अधिनियम में प्रस्तावित बदलावों से निगम के बोर्ड को शाखाओं के विस्तार, नई नियुक्तियों और परिचालन संबंधी फैसलों में अधिक अधिकार प्राप्त होंगे. इससे एलआईसी को वैश्विक बीमा कंपनियों की तरह अधिक स्वायत्तता मिलेगी.

पॉलिसीधारकों के हितों को मजबूत करने पर जोर

नए विधेयक का सबसे महत्वपूर्ण पहलू पॉलिसीधारकों की सुरक्षा और उनके हितों को प्राथमिकता देना है. संशोधनों के तहत बीमा कंपनियों पर अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और बेहतर दावा निपटान व्यवस्था लागू होगी. इससे लोगों का बीमा क्षेत्र पर भरोसा बढ़ेगा और बीमा के प्रसार में तेजी आएगी.

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आर्थिक वृद्धि और रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव

इस सुधार से बीमा उद्योग में निवेश बढ़ेगा, कंपनियों की कार्यकुशलता बेहतर होगी और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. सरकार का लक्ष्य 2047 तक हर नागरिक के लिए बीमा को साकार करना है. एफडीआई सीमा बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बीमा कंपनियों के लिए भारत एक बड़े अवसर वाला बाजार बनेगा, जो आर्थिक वृद्धि को गति देगा.

भाषा इनपुट के साथ

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