टेरर फंडिंग मामले में हिजुबल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन को दिल्ली कोर्ट का समन

Delhi Court Summons To Hizbul Mujahideen Chief टेरर फंडिग मामले में दिल्ली की अदालत ने बुधवार को हिजुबल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन को समन किया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक, सैयद सलाउद्दीन ने षड्यंत्रकारियों और सहयोगियों की मिलीभगत से कई आतंकवादी वारदातों को अंजाम दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2021 5:18 PM

Delhi Court Summons To Hizbul Mujahideen Chief टेरर फंडिग मामले में दिल्ली की अदालत ने बुधवार को हिजुबल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन को समन किया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक, सैयद सलाउद्दीन ने षड्यंत्रकारियों और सहयोगियों की मिलीभगत से कई आतंकवादी वारदातों को अंजाम दिया है. सलाउद्दीन पर आरोप है कि उसने विभिन्न माध्यमों से पाकिस्तान से धन जुटाया और इसका इस्तेमाल आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए किया गया.

हाल ही में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने भारत को धमकी देने वाला एक ऑडियो मैसेज जारी किया था. इस ऑडियो मैसेज में उसने तालिबान आतंकियों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने में मदद की गुहार लगाई है. ऑनलाइन पोस्ट किए बयान में हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन ने कहा कि मैं अल्लाह से प्रार्थना करता हूं कि वो अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात को मजबूत करे ताकि वो भारत के खिलाफ कश्मीरियों का समर्थन कर सकें.

बता दें कि सैयद मोहम्मद युसूफ शाह जिसे कि आमतौर पर सैयद सलाहूद्दीन के नाम से जाना जाता है और वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का प्रमुख है, जो कश्मीर घाटी से अपने ऑपरेशन को अंजाम देता है. वह हिजबुल से पहले एंटी-इंडिया आतंकी समूह जिहाद काउंसिल का अध्यक्ष रह चुका है. उसने कसम खाई थी कि वह कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तरह की शांति स्थापना वाले कार्यों को सफल नहीं होने देगा. घाटी में और ज्यादा आत्मघाती हमलावरों को ट्रेनिंग देगा और कश्मीर को भारतीय सेना का कब्रिस्तान बना देगा.

सैयद मोहम्मद युसूफ शाह यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई करते समय वह जमात-ए-इस्लामी से प्रभावित हुआ और उसकी जम्मू-कश्मीर शाखा का सदस्य बन गया. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही वह कट्टपंथी बन गया था. उसी दौरान वह मुस्लिम महिलाओं को बुर्का ओढ़ने और उन्हें पाकिस्तान के समर्थन में जुलूस निकालने के लिए मनाने में सफल रहा.

यूनिवर्सिटी की पढ़ाई खत्म होने के बाद सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा लेने के बजाए वह मदरसे में इस्लामी टीचर बन गया. उसकी शादी नफीसा नाम की महिला से हुई है और उसके पांच बेटे और दो बेटियां हैं. जहां सलाहूद्दीन एक ऐसे संगठन का मुखिया है जो भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की वकालत करता है वहीं इससे इतर उसके बच्चे किसी भी आतंकी संगठन में शामिल नहीं है.

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