तबलीगी जमात: दो देशों के 121 नागरिकों को जुर्माने के भुगतान पर रिहा करने का आदेश

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को किर्गिस्तान और इंडोनेशिया के 121 नागरिकों को अलग-अलग राशि के जुर्माने के भुगतान पर रिहा करने का आदेश दिया. इन विदेशियों ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए कम सजा देने के अनुरोध वाली अर्जी (प्ली बार्गेन) प्रक्रिया के तहत मामूली जुर्माना स्वीकार किया था.

By Agency | July 21, 2020 10:50 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को किर्गिस्तान और इंडोनेशिया के 121 नागरिकों को अलग-अलग राशि के जुर्माने के भुगतान पर रिहा करने का आदेश दिया. इन विदेशियों ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए कम सजा देने के अनुरोध वाली अर्जी (प्ली बार्गेन) प्रक्रिया के तहत मामूली जुर्माना स्वीकार किया था.

मामला यहां कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल होकर वीजा नियमों के साथ ही विभिन्न उल्लंघनों से संबंधित है . इंडोनेशियाई नागरिकों की ओर से पेश अधिवक्ता आशिमा मंडला ने बताया कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रजत गोयल ने 10-10 हजार रुपये के जुर्माने के भुगतान पर इंडोनेशिया के 98 नागरिकों को रिहा करने का आदेश दिया.

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अदालत ने इन सभी को जुर्माने की राशि पीएम केयर्स फंड में जमा करने का निर्देश दिया. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रोहित गुलिया ने किर्गिस्तान के 23 नागरिकों को पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने के भुगतान पर रिहा करने का आदेश दिया. इस मामले में शिकायतकर्ता डिफेंस कॉलोनी के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट, लाजपत नगर के सहायक पुलिस आयुक्त, निजामुद्दीन के पुलिस निरीक्षक ने कहा कि उन्हें उनकी ‘प्ली बार्गेन’ अर्जी पर कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि, किर्गिस्तान और इंडोनेशिया के दो-दो नागरिकों ने अपने खिलाफ आरोपों को स्वीकार नहीं किया और अदालत के समक्ष सुनवाई का दावा किया.

प्ली बार्गेन’ याचिका के तहत आरोपी अपना दोष स्वीकार कर लेता है और कम दंड देने की याचना करता है. दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जिन मामलों में अधिकतम सजा सात वर्ष है, जो अपराध समाज की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को प्रभावित नहीं करते हों और जो अपराध महिला अथवा 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के खिलाफ न हों, उनमें समझौता आवदेन देने की इजाजत होती है.

इन विदेशियों पर वीजा नियमों का कथित उल्लंघन करके निजामुद्दीन में मरकज के कार्यक्रम में शामिल होने के अलावा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने और मिशनरी गतिविधियों में गैरकानूनी तरीके से शामिल होने के भी आरोप हैं. इन नागरिकों को पूर्व में अदालत ने 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान की थी.

Posted By – Pankaj Kumar pathak

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