लॉकडाउन के कारण फंसे कर्मचारियों, प्रवासियों की मदद के लिए सामने आए IIT, IIM के छात्र

लॉकडाउन के कारण फंसे कर्मचारियों, प्रवासियों और बेघर लोगों की मदद के लिए आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के छात्रों ने मिलकर ‘सहयोग' नाम की एक पहल शुरू की है

By Sameer Oraon | April 2, 2020 3:31 PM

इस टीम के अनुसार कई गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और सरकारी एजेंसियां लॉकडाउन के दौरान मदद मुहैया कराने के लिए काम कर रही हैं लेकिन अब भी ऐसे कई लोगों से सम्पर्क किए जाने की जरूरत है, जिन तक दवाईयों, मास्क तथा खाद्य पदार्थ जैसी आवश्यक चीजें नहीं पहुंच पा रही हैं.

इस समूह में 700 छात्र हैं जिन्होंने मिलकर एक टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू की है. इस हेल्पलाइन पर लोग फोन कर सकते हैं. लोगों की फोन कॉल मिलने पर यह टीम एनजीओ से सम्पर्क कर उनकी जरूरतें पूरी कराने की कोशिश करती है. टीम ने एक एप भी बनाई है, जिसके जरिए लोग अपने करीबी एनजीओ या सरकारी एजेंसियों से मदद हासिल कर सकते हैं.

आईआईटी गुवाहाटी के पीएचडी शोधार्थी विक्रांत सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अभी तक हमनें देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय 40 एनजीओ से सम्पर्क किया है. अभी हमारी प्राथमिकता प्रवासी कर्मचारी और बुजुर्ग लोग हैं, जिन्हें इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा है. हम खाद्य पदार्थ, पेयजल, मास्क, साबून, सैनिटाइजर, कपड़े और जरूरी दवाइयां मुहैया कराने में मदद कर रहे हैं.”

यह सेवा दो दिन पहले ही चालू की गई है और अभी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तीन राज्यों में सक्रिय है. इसके जरिये 50 समूह को मदद मुहैया कराई गई है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता है कई लोग हैं जिन्हे मदद की जरूरत है. एनजीओ ऐसे लोगों का पता लगाने में पूरी तरह सक्षम नहीं है. हम इसी दूरी का कम करने का माध्यम बनना चाहते हैं.”

आईआईएम, बेंगलुरू के गौरव सिंह ने कहा, ‘‘हम दूसरे राज्यों तक पहुंचने की भी कोशिश कर रहे हैं और छात्रों की मदद हासिल करने के लिए देश के विभिन्न कॉलेजों से भी सम्पर्क कर रहे हैं. सामाजिक दूरी बनाए रखने के प्रोटोकॉल के कारण छात्र खुद कहीं नहीं जाएंगे लेकिन समन्वय स्थापित करेंगे ताकि सहयोगी एनजीओ के जरिए मदद मुहैया करा सकें.”

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड-19 के मामले बढ़कर गुरुवार को 1,965 हो गए और वहीं इससे अब तक 50 लोगों की जान जा चुकी है

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