विदेशी ताकतें हमारे देश में लोकतंत्र की रक्षा करें,राहुल गांधी ने नहीं कहा फिर माफी क्यों मांगें : शशि थरूर

राहुल गांधी द्वारा ब्रिटेन में दिये गये बयान को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच ठनी हुई है. आज भी भाजपा नेता जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी का बयान देश को अपमानित करने वाला था उन्हें माफी मांगनी होगी.

By Rajneesh Anand | March 17, 2023 1:32 PM

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आज अपने नेता राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है. शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी ने यह कभी नहीं कहा कि विदेशी ताकतें हमारे देश में आकर लोकतंत्र की रक्षा करें.

राहुल ने कुछ भी गलत नहीं कहा

शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी ने यह कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र खतरे में है और इस बारे में सबको पता है. राहुल गांधी के बयानों में मैंने ऐसा कुछ भी नहीं सुना है जिसपर आपत्ति की जा सके. माफी मांगने की बात बेतुकी है, इसकी कोई जरूरत ही नहीं है.

संसद चलाना सरकार की जिम्मेदारी

हालांकि शशि थरूर ने सदन की कार्यवाही ना चलने पर कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सदन को चलाये. संसद का बजट सत्र चल रहा है और एक बेतुकी बात को लेकर संसद को चलने नहीं दिया जा रहा है. कई जरूरी काम होने हैं. फाइनांस बिल पास होना है, लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी को भूलकर बेवजह सदन को बाधित कर रही है.

जेपी नड्डा ने भी की माफी की मांग

ज्ञात हो कि राहुल गांधी द्वारा ब्रिटेन में दिये गये बयान को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच ठनी हुई है. आज भी भाजपा नेता जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी का बयान देश को अपमानित करने वाला था उन्हें माफी मांगनी होगी. जेपी नड्डा के इस बयान पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भाजपा ऐसी पार्टी है जिसने हमेशा राष्ट्र विरोधी काम किया, इतिहास इस बात का गवाह है, वे किस आधार पर राहुल गांधी से माफी मांग रहे हैं.

सदन की कार्यवाही बाधित

गौरतलब है कि हंगामे के बाद सदन के दोनों सदनों की कार्यवाही 20 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गयी. कांग्रेस ने सदन परिसर में अपना विरोध प्रदर्शन भी किया. बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही राहुल गांधी के बयान को लेकर संसद में हंगामा जारी है और सत्ता पक्ष उनसे माफी की मांग कर रहा है.

कैम्ब्रिज में राहुल ने दिया था विवादित बयान

राहुल गांधी ने ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में यह बयान दिया था कि हमारे देश में लोकतंत्र खतरे में है. सांसदों को अपना पक्ष रखने की आजादी नहीं है. सांसदों का माइक बंद कर दिया जाता है और उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता है. राहुल गांधी के इस बयान की देश में तीखी आलोचना हुई थी. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी यह कहा था कि यह बयान गैरजिम्मेदाराना है और इसका सच से कोई वास्ता नहीं है.

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