संबित पात्रा का आरोप- नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये दिये

संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को दिये गये थे. कांग्रेस की बड़ी साजिश का हिस्सा रहीं हैं तीस्ता सीतलवाड़.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2022 1:28 PM

नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये दिये थे. यह आरोप आज भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाया है. संबित पात्रा ने यह प्रेस कॉन्फ्रेंस एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद की है.

कांग्रेस की बड़ी साजिश का हिस्सा रहीं हैं तीस्ता सीतलवाड़

संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को दिये गये थे. कांग्रेस की बड़ी साजिश का हिस्सा रहीं हैं तीस्ता सीतलवाड़. इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने और राहुल गांधी को प्रमोट करने के लिए पैसे लिये थे.


एसआईटी के हलफनामे में षडयंत्र का खुलासा हुआ

संबित पात्रा ने कहा कि एसआईटी के हलफनामे में सारे षडयंत्र का खुलासा हुआ है. हलफनामे में कहा गया है कि तीस्ता सीतलवाड़ राज्यसभा में जाना चाहती थी. एसआईटी ने सच सामने ला दिया है. अहमद पटेल ने तो सिर्फ पैसे दिये हैं, असल में पैसा तो सोनिया गांधी के घर से दिया गया था.

Also Read: Bundelkhand Expressway Live: जालौन पहुंचे पीएम मोदी, कुछ देर में करेंगे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन
अहमद पटेल का नाम, सोनिया गांधी का काम

संबित पात्रा ने कहा कि अहमद पटेल तो सिर्फ एक नाम है, असल में पूरे षडयंत्र को रचने में सोनिया गांधी ड्राइविंग सीट पर बैठी थीं. अहमद पटेल की मदद से सोनिया गांधी ने गुजरात की छवि को धूमिल करने की कोशिश की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि भी धूमिल करने की कोशिश की है.

कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार किया

सोनिया गांधी और अहमद पटेल पर भाजपा के आरोपों के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार किया है. कांग्रेस की ओर से यह कहा गया है कि एसआईटी सरकार के इशारे पर काम कर रही है. जांच एजेंसियों का सरकार दुरुपयोग कर रही है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर कहा, कांग्रेस दिवंगत अहमद पटेल के खिलाफ गढ़े गए शरारतपूर्ण आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज करती है. यह प्रधानमंत्री की उस व्यवस्थित रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वह 2002 में उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुई सांप्रदायिक सामूहिक हत्या को लेकर किसी भी जिम्मेदारी से खुद को बचाना चाहते हैं.

Next Article

Exit mobile version