यूके से भारत आने वाला यात्रियों के लिए वापस ली गई ट्रैवल एडवाइजरी, 10 दिनों के कोरेंटिन से छूट

Revised Guidelines for UK Nationals भारत सरकार ने यूके से आने वाले यात्रियों की अतरिक्त जांच और पाबंदियों से जुड़े कोविड-19 संबंधी ट्रैवल एडवाइजरी को वापस ले लिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि 1 अक्टूबर को भारत आने वाले UK के नागरिकों के लिए संशोधित दिशानिर्देश वापस लिए गए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2021 4:23 PM

Revised Guidelines for UK Nationals भारत सरकार ने यूके से आने वाले यात्रियों की अतरिक्त जांच और पाबंदियों से जुड़े कोविड-19 संबंधी ट्रैवल एडवाइजरी को वापस ले लिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि 1 अक्टूबर 2021 को भारत आने वाले यूके के नागरिकों के लिए संशोधित दिशानिर्देश वापस ले लिए गए हैं और 17 फरवरी, 2021 के अंतरराष्ट्रीय आगमन पर पहले के दिशानिर्देश यूके से भारत आने वालों के लिए लागू होंगे.

इससे पहले कहा गया था कि इसमें कहा गया था कि भारत आने वाले यूके के नागरिकों को आगमन के बाद दस दिनों के लिए घर पर या दिए गए गंतव्य के पते पर अनिवार्य रूप से क्वारंटीन होना होगा. इसके साथ ही ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों की एयरपोर्ट पर आरटी-पीसीआर टेस्ट और भारत में आने के आठ दिनों के बाद दोबारा आरटी-पीसीआर टेस्ट (RT-PCR) कराने की बात की गई थी.

भारत सरकार का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के पीएम बोरिश जॉनसन की फोन पर बात हुई थी. इस दौरान दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस के खिलाफ साझा लड़ाई और अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सावधानीपूर्वक खोलने के महत्व पर चर्चा की थी. वहीं, इससे पहले ब्रिटेन ने फैसला किया था कि कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके भारतीयों को पहुंचने पर क्वारंटीन में रहने की जरूरत नहीं होगी.

ब्रिटिश सरकार ने कुछ दिन पहले नए नियम जारी किए थे. इसमें कहा गया था कि भारत सहित कुछ और देशों से यात्रा करके ब्रिटेन पहुंचने वाले व्यक्ति को 10 दिन क्वारंटीन रहना होगा और कोविड टेस्ट भी कराना होगा. इतना ही नहीं, जो लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें भी अनिवार्य तौर पर क्वारंटीन रहने का नियम बना दिया गया था. इस नियम पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि यह भेदभावपूर्ण वाला नियम है.

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