आरबीआई बॉंड योजना को तत्काल बहाल करे सरकार : कांग्रेस

कांग्रेस ने 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉंड योजना को वापस लेने के सरकार के फैसले को कोरोना वायरस महामारी के समय देश के आम लोगों पर दोहरी मार करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस योजना को तत्काल बहाल किया जाना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह दावा भी किया कि सरकार ने अपने इस फैसले से देश के निम्न मध्यम वर्गीय और मध्यम वर्गीय परिवारों से जोखिम मुक्त निवेश का इकलौता अवसर भी छीन लिया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 28, 2020 10:18 PM

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉंड योजना को वापस लेने के सरकार के फैसले को कोरोना वायरस महामारी के समय देश के आम लोगों पर दोहरी मार करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस योजना को तत्काल बहाल किया जाना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह दावा भी किया कि सरकार ने अपने इस फैसले से देश के निम्न मध्यम वर्गीय और मध्यम वर्गीय परिवारों से जोखिम मुक्त निवेश का इकलौता अवसर भी छीन लिया है.

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ इस सरकार ने पहले पीपीएफ और कई अन्य बचत योजनाओं पर ब्याज में कटौती की और अब निम्न मध्यम वर्गीय और मध्यम वर्गीय परिवारों से निवेश का एक मौका छीन लिया. पीपीएफ और बचत योजनाओं पर ब्याज कम करने के सरकार के फैसले से करोड़ों परिवारों को 34,100 करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान हो रहा है.”

वल्लभ ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस महामारी के समय चारों तरफ से खबरें आ रही हैं कि लोगों की नौकरियां जा रही हैं, लोगों के पास आय के साधन नहीं है. इस दौर में भी आप ब्याज में कटौती कर रहे हैं. यह लोगों पर दोहरी मार है. ” उनके मुताबिक, हर सरकार अपने नागरिकों को एक जोखिम मुक्त निवेश का अवसर देती है, लेकिन इस सरकार ने आज वह अवसर भी छीन लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को यह योजना तत्काल बहाल करनी चाहिए.

गौरतलब है कि सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉंड योजना को वापस लेने का फैसला किया है. सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुए किया है. सरकार के इन बॉंड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉंड अथवा भारत सरकार के बॉंड के नाम से जाना जाता है. खुदरा निवेशकों के बीच यह बॉंड काफी पसंद किया जाता है. इन बॉंड में निवेशकर्ता अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ साथ नियमित आय को ध्यान में रखते हुये निवेश करते हैं. प्रवासी भारतीय इन बॉंड में निवेश के पात्र नहीं हैं.

Posted by: pankaj kumar pathak

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