Rajasthan Crisis : अब गहलोत खेमा ने फूंका बिगुल ! पायलट गुट के विधायकों को पद नहीं देने की रखी मांग

rajasthan crisis, congress and political, ashok gehlot sachin pilot news : राजस्थान कांग्रेस में उत्पन्न विवाद एक बार फिर सुलग गया है. बागी सचिन पायलट के मानने के बाद गहलोत खेमे के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. विधायकों की मांग है कि पायलट कैंप के किसी भी नेता को पद नहीं दिया जाए और ना ही किसी को वापस पार्टी में लिया जाए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2020 11:09 AM

Rajasthan Crisis : राजस्थान कांग्रेस में उत्पन्न विवाद एक बार फिर सुलग गया है. बागी सचिन पायलट के मानने के बाद गहलोत खेमे के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. विधायकों की मांग है कि पायलट कैंप के किसी भी नेता को पद नहीं दिया जाए और ना ही किसी को वापस पार्टी में लिया जाए.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार जैसलमेर में कांग्रेस के विधायकों ने बैठक के दौरान सचिन पायलट कैंप की वापसी का विरोध किया. विधायकों ने कहा कि पार्टी विरोधी नेताओं को सबक सिखाया जाए. विधायकों ने कहा कि बागी नेताओं को कोई पद नहीं दिया जाए. हालांकि विधायक दल की बैठक में अशोक गहलोत ने सभी विधायकों को समीकरण के बारे में समझाया.

पद का भूखा नहीं – कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सुलह के बाद कहा कि वे पद के भूखे नहीं है. पायलट ने कहा कि पार्टी पद दे सकती है तो ले भी सकती है. पायलट ने आगे कहा कि हमने पार्टी को सभी समस्या से अवगत करा दिया. पार्टी ने शिकायतों को सुनकर निदान कराने का आश्वासन दिया है. हम पार्टी के आदेश को मानेंगे.

गहलोत ने दिया ये बयान- वहीं पायलट के वापसी पर अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी ने अगर बागी विधायकों को माफ कर दिया है तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है. मैं सभी विधायकों को गले लगाने के लिए तैयार हूं. गहलोत ने आगे कहा कि बीजेपी का प्लान फेल हो गया है.

कांग्रेस ने तैनात किया फ्रंट फुट टीम– राजस्थान में सियासी घमासान के बीच विधानसभा में बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस ने फ्रंट टीम तैयार की है. पार्टी 14 अगस्त से शुरू होने वाली सत्र के लिए किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान के निर्देश के बाद सीएम गहलोत ने सभी मोर्चे पर लोगों को तैनात कर दिया है. कांग्रेस ने सत्र के लिए तीन मोर्चे पर घेराबंदी की है, पहला मोर्चा सदन की अंदर विधानसभा पर. वहीं दूसरा मोर्चा, विधायकों को एकजुटता रखने के लिए और तीसरा मोर्चा मीडिया में विपक्ष के हमले पर पलटवार करने के लिए.

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Posted By : Avinish Kumar Mishra

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