Punjab Elections 2022: सिद्धू मूसेवाला ने थामा कांग्रेस का दामन, एके-47 से फायरिंग करते तस्वीर हुई थी वायरल

Punjab Elections 2022: मूसेवाला की बात करें तो उनका असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू है और वह मानसा जिले के मूसा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने कांग्रेस का दामन आज थाम लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2021 12:52 PM

पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले सभी पार्टियां अपने आप को और मजबूत करने में जुट गईं हैं. इसी क्रम में कांग्रेस भी लगी हुई है जो अभी सत्ता पर काबिज है. शुक्रवार को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला ने कांग्रेस का दामन थामा है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की उपस्थिति में मूसेवाला कांग्रेस में शामिल हुए.

मूसेवाला युवा प्रतीक और एक “अंतरराष्ट्रीय हस्ती” : सिद्धू

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सिद्धू ने मूसेवाला को युवा प्रतीक और एक “अंतरराष्ट्रीय हस्ती” बताया. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सिद्धू मूसेवाला कांग्रेस परिवार में शामिल हो रहे हैं. मैं कांग्रेस में उनका स्वागत करता हूं. वहीं सीएम चन्नी ने पार्टी में गायक का स्वागत करते हुए कहा कि मूसेवाला “अपनी कड़ी मेहनत से एक बड़े कलाकार बने और अपने गीतों से लाखों लोगों के दिलों पर राज किया. अब देखना है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में गायक मूसेवाला कांग्रेस को कितना लाभ पहुंचाएंगे.

जानें कौन हैं मूसेवाला

मूसेवाला की बात करें तो उनका असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू है और वह मानसा जिले के मूसा गांव के रहने वाले हैं. उनकी मां एक गांव की मुखिया के पद पर काबिज हैं. गौर हो कि गायक मूसेवाला को इससे पहले अपने गानों में हिंसा और बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था. कुछ महीने पहले कोरोना महामारी के दौरान फायरिंग रेंज में एके-47 राइफल से फायरिंग करते हुए उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. उन्हें एक अन्य मामले में बुक भी किया गया था.

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क्‍या कांग्रेस होगी मजबूत

पंजाब में अगले साल होने वाले चुनाव के पहले कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है. इसकी वजह कांग्रेस का दामन छोड़ चुके पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं. अमरिंदर सिंह लगातार दिल्‍ली का दौड़ लगा रहे हैं और भाजपा नेताओं से मिल रहे हैं. अकाली दल से भी भाजपा की करीबी बढ़ सकती है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्‍योंकि भाजपा और अकाली दल के बीच कृषि कानून को लेकर तकरार थी जिसे केंद्र सरकार ने पिछले दिनों वापस ले लिया है.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By : Amitabh Kumar

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