Pollution: हवा की गुणवत्ता के बेहतर करने को लेकर हुई उच्च-स्तरीय बैठक

बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम के लिए सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गाजियाबाद और नोएडा में वायु प्रदूषण से निपटने के मकसद से तैयार कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में प्रदूषण से निपटने के लिए नियमों का सख्ती से पालन करने और आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया.

By Vinay Tiwari | December 15, 2025 7:57 PM

Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रैप-4 लागू किया जा चुका है. संसद में भी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर रोकने के लिए व्यापक रणनीति बनाने की मांग हो चुकी है और इस हफ्ते इस मामले पर संसद में चर्चा होने की संभावना है. बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम के लिए सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गाजियाबाद और नोएडा में वायु प्रदूषण से निपटने के मकसद से तैयार कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. एनसीआर में शहर-आधारित कार्य योजनाओं पर समीक्षा बैठकों की श्रृंखला के तौर पर यह पहली समीक्षा थी, जिसका समापन आने वाले दिनों में राज्य-स्तरीय समीक्षा बैठक के साथ होगा.


समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री ने गाजियाबाद और नोएडा के वरिष्ठ अधिकारियों से प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी. साथ ही प्रदूषण से निपटने के लिए बनाई गई कार्य योजना की समीक्षा की. इस दौरान वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए स्मार्ट यातायात प्रबंधन प्रणालियों को अपनाने, औद्योगिक इकाइयों द्वारा निर्धारित प्रदूषण मानकों का सख्ती से पालन करने, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की स्थिति और चार्जिंग बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और पार्किंग सुविधाओं को सशक्त बनाने जैसे उपायों पर चर्चा की गयी. 

प्रदूषण से निपटने के लिए जन भागीदारी जरूरी


समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री ने औद्योगिक इकाइयों में ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (ओसीईएमएस) की स्थापना के बाबत राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से सतत जानकारी हासिल करने को कहा. उन्होंने ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली की स्थापना के लिए 31 दिसंबर 2025 की समय सीमा का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया और अनुपालन न करने वाली इकाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शहरी क्षेत्रों के आसपास के प्रदूषण फैलाने वाले और नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों का निरीक्षण करने और आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का भी आदेश दिया. 


उन्होंने दिल्ली-एनसीआर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) से कहा कि वह शहर कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए उपयोग किए जाने वाले मापदंडों को और बेहतर बनाने और आगामी दिनों में दिल्ली-एनसीआर की समग्र प्रगति की समीक्षा के लिए तैयार करने को कहा. बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को धन का तर्कसंगत आवंटन सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के मानदंडों को उन्नत करने की आवश्यकता पर जोर दिया. हरित गतिविधियों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों और आम लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया. ताकि प्रदूषण नियंत्रण जनभागीदारी का आंदोलन बन सके. 


बैठक में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीएस पीसीबी) के प्रतिनिधि, जिला अधिकारी और नगर आयुक्त (गाजियाबाद) और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (नोएडा प्राधिकरण) मौजूद रहे.