PM मोदी ने शुरू की ‘वन नेशन वन फर्टिलाइजर’ स्कीम, कहा- ‘आज एक ही मंच पर स्टार्टअप्स और देश के किसान’

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज एक ऐसा अवसर है कि इस एक ही परिसर में, एक ही मंच पर स्टार्टअप्स भी हैं और देश के लाखों किसान भी हैं. जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान. एक प्रकार से ये समारोह इस मंत्र का जीवंत स्वरूप हमें नजर आ रहा है.

By Aditya kumar | October 17, 2022 2:16 PM

PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अक्टूबर को एक सम्मेलन में कृषि क्षेत्र में लगभग 1500 स्टार्ट-अप में 600 किसान समृद्धि केंद्र और ‘एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना’ का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त का भी विमोचन किया. इस योजना के तहत, 8.5 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 16,000 करोड़ रुपये जमा किए जाएंगे. पीएम मोदी ने कहा कि 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक किसानों के खातों में स्थानांतरित किए गए हैं और इससे उन्हें इनपुट लागत के प्रबंधन में मदद मिली है.

‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान’

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज एक ऐसा अवसर है कि इस एक ही परिसर में, एक ही मंच पर स्टार्टअप्स भी हैं और देश के लाखों किसान भी हैं. जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान. एक प्रकार से ये समारोह इस मंत्र का जीवंत स्वरूप हमें नजर आ रहा है. आज इस महत्वपूर्ण मंच से किसानों के जीवन को और आसान बनाने, किसानों को और अधिक समृद्ध बनाने और हमारी कृषि व्यवस्थाओं को और आधुनिक बनाने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं.

600 से ज्यादा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत

साथ ही उन्होंने बताया कि आज देश में 600 से ज्यादा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत हो रही है. किसान समृद्धि केंद्र किसान के लिए सिर्फ उर्वरक खरीद और बिक्री का केंद्र नहीं है, ये एक संपूर्ण रूप से किसान के साथ घनिष्ठ नाता जोड़ने वाला, उसकी हर आवश्यकता में मदद करने वाला केंद्र है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में 16,000 करोड़ रुपये की एक और किस्‍त उनके खातों में जमा हो गयी है.

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क्या है ‘वन नेशन, वन फर्टिलाइजर’ योजना?

आगे उन्होंने कहा कि आज ‘वन नेशन, वन फर्टिलाइजर’ के रूप में किसानों को सस्ती और क्वालिटी खाद भारत ब्रांड के तहत उपलब्ध कराने की योजना भी शुरू हुई है. यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर के लिए भारत अब तेजी से लिक्विड नैनो यूरिया की तरफ बढ़ रहा है. नैनो यूरिया, कम खर्च में अधिक प्रोडक्शन का माध्यम है. जिसको एक बोरी यूरिया की जरूरत लगती है वो काम अब नैनो यूरिया की एक छोटी सी बॉटल से हो जाता है. ये विज्ञान और टेक्नोलॉजी का कमाल है. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य विषयों पर अपने सरकार के काम गिनाए.

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