‘ड्रग्स से देश को मुक्त कराना होगा, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कोई नियंत्रण नहीं’, मोहन भागवत ने कही ये बात

Vijaya Dashami 2021 : भागवत ने कहा कि जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की वो दर्द अभी तक गया नहीं है. अपने देश का विभाजन हुआ

By Prabhat Khabar Print Desk | October 15, 2021 9:29 AM

Vijaya Dashami 2021 : विजयदशमी के अवसर पर आरएसएस (RSS) ने नागपुर में अपने मुख्यालय में परेड का आयोजन किया. इस दौरान मंच पर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौज़ूद रहे.

मुख्यालय में मोहन भागवत ने “शस्त्र पूजन” किया. “शस्त्र पूजन” के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की वो दर्द अभी तक गया नहीं है. अपने देश का विभाजन हुआ, अत्यंत दुखद इतिहास रहा है ये…लेकिन उस इतिहास के सत्य का सामना करना चाहिए, उसे जानना चाहिए.

आगे संघ प्रमुख ने कहा कि जिस शत्रुता और अलगाव के कारण विभाजन हुआ उसकी पुनरावृत्ति नहीं करनी है. पुनरावृत्ति टालने के लिए, खोई हुई हमारे अखंडता और एकात्मता को वापस लाने के लिए उस इतिहास को सबको जानना बहुत ही जरूरी है. खासकर नई पीढ़ी को जानना चाहिए. खोया हुआ वापस आ सके खोए हुए बिछड़े हुए वापस गले लगा सकें.

संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि यह वर्ष हमारी स्वाधीनता का 75वां वर्ष है. 15अगस्त 1947 को हम स्वाधीन हुए. हमने अपने देश के सूत्र देश को आगे चलाने के लिए स्वयं के हाथों में लिए. स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर हमारी यात्रा का वह प्रारंभ बिंदु था. हमें यह स्वाधीनता रातों रात नहीं मिली.

उन्होंने कहा कि दुनिया को खोया हुआ संतुलन व परस्पर मैत्री की भावना देने वाला धर्म का प्रभाव ही भारत को प्रभावी करता है. यह ना हो पाए इसीलिए भारत की जनता, इतिहास, संस्कृति इन सबके विरुद्ध असत्य कुत्सित प्रचार करते हुए, विश्व को तथा भारत के जनों को भी भ्रमित करने का काम चल रहा है.


मोहन भागवत बोले – ड्रग्स से देश को मुक्त कराना होगा

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जो दिखाया जाता है, उस पर कोई नियंत्रण नहीं है, कोरोना के बाद बच्चों के पास भी फोन हैं. नशीले पदार्थों का प्रयोग बढ़ रहा है…इसे कैसे रोकें? ऐसे व्यवसायों के पैसे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए किया जाता है… इन सब पर नियंत्रण होना चाहिए.

छोटी पहचानों के संकुचित अहंकार को हमें भूलना होगा

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अपने मत, पंथ, जाति, भाषा, प्रान्त आदि छोटी पहचानों के संकुचित अहंकार को हमें भूलना होगा. समाज की आत्मीयता व समता आधारित रचना चाहने वाले सभी को प्रयास करने पड़ेंगे. सामाजिक समरसता के वातावरण को निर्माण करने का कार्य संघ के स्वयंसेवक सामाजिक समरसता गतिविधियों के माध्यम से कर रहे हैं.

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