देश पर गहराया ओमिक्राॅन वैरिएंट का खतरा, लगातार बढ़ रहे मामले, इन लक्षणों को पहचानें …

देश पर ओमिक्राॅन का खतरा है इसलिए हर व्यक्ति के लिए यह जानना जरूरी है कि इसके लक्षण क्या हैं और कैसे यह लोगों को अपना शिकार बनाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2021 8:38 PM

देश में कोरोना वायरस के ओमिक्राॅन वैरिएंट का खतरा बढ़ता जा रहा है. ओमिक्राॅन के केस में पिछले पांच दिनों में ढाई गुणा बढ़ोतरी हुई है. अबतक देश में लगभग 145 मामले सामने आये हैं जिनमें से 48 मामले महाराष्ट्र में हैं.

ओमिक्राॅन वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखकर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है. कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन आवश्यक कर दिया गया है. चूंकि देश पर ओमिक्राॅन का खतरा है इसलिए हर व्यक्ति के लिए यह जानना जरूरी है कि इसके लक्षण क्या हैं और कैसे यह लोगों को अपना शिकार बनाता है.

यूके में ओमिक्राॅन का खतरा बहुत ज्यादा है. वहां कोविड -19 के ओमिक्राॅन वैरिएंट के लक्षण ट्रैकिंग में यह पाया गया है कि इस वैरिएंट के शिकार व्यक्ति को बहती नाक, सिरदर्द, थकान, छींकने और गले में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं. इसके लक्षण सामान्य सर्दी के समान ही हैं और मामले बहुत गंभीर नहीं हो रहे हैं.

द डेली मेल के अनुसार लंदन में ओमिक्राॅन वैरिएंट के लक्षणों पर जो अध्ययन किया गया उसके अनुसार 3 से 10 दिसंबर के बीच सबसे आम लक्षण बहती नाक, सिरदर्द, थकान, छींक और गले में खराश थे.

ओमिक्राॅन में लगातार खांसी स्वाद और गंध का जाना एवं बुखार जैसे लक्षण नहीं उभर रहे हैं. प्रमुख वैज्ञानिक टिम स्पेक्टर ने कहा है कि ओमिक्राॅन के लक्षण मुख्य रूप से ठंड के लक्षण, नाक बहना, सिरदर्द, गले में खराश और छींक आना है, इसलिए लोगों को घर पर रहना चाहिए क्योंकि यह कोविड भी हो सकता है.

चूंकि अगले कुछ दिनों में क्रिसमस का त्योहार और नये साल का जश्न भी मनाया जाना है इसलिए कोविड महामारी के वैज्ञानिकों ने इन लक्षणों पर ध्यान देने और सावधानी बरतने की सलाह दी है.

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हालांकि वैज्ञानिक अभी ओमिक्राॅन के बारे में कुछ भी कहने के बाद यह भी कहते हैं कि यह सारी जानकारी शुरुआती हैं और हम पूरे दावे के साथ ओमिक्राॅन वैरिएंट के बारे में कुछ नहीं कह सकते. यूके में अबतक सात लोगों की मौत ओमिक्राॅन वैरिएंट से हुई है. इसलिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि भारतीय विशेषज्ञों ने भी कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका जता दी है और कहा है कि जनवरी से फरवरी के बीच में यह पीक पर होगा.

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