Nizamuddin Corona case: निजामुद्दीन पहुंचे NSA डोभाल तो खाली हुआ मरकज, रात 2 बजे तोड़ी जमात की जिद

कई पाबंदियों के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन में इतने बड़े स्तर पर तबलीगी जमात का मरकज आयोजित हो गया. यह मरकज देश में कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. सोमवार से ही इसे खाली कराया जा रहा मगर यह पूरी तरह खाली हुआ मंगलवार की रात. मरकज को खाली कराने के लिए एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ) अजीत डोभाल को मैदान में उतरना पड़ा.

By Utpal Kant | April 1, 2020 1:40 PM

कई पाबंदियों के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन में इतने बड़े स्तर पर तबलीगी जमात का मरकज आयोजित हो गया. यह मरकज देश में कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. सोमवार से ही इसे खाली कराया जा रहा मगर यह पूरी तरह खाली हुआ मंगलवार की रात. मरकज को खाली कराने के लिए एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ) अजीत डोभाल को मैदान में उतरना पड़ा. दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी के बावजूद मौलाना साद इसे खाली नहीं करना चाहता था. जिसके बाद खुद एनएसए अजीत डोभाल आधी रात को मरकज में मौजूद लोगों को मनाने के लिए जाना पड़ा. गृहमंत्री अमित शाह ने अजीत डोभाल को ये काम सौंपा था कि वह जमात को मस्जिद खाली करने के लिए राजी करें.

गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के अनुसार डोभाल 28-29 मार्च की दरमियानी रात दो बजे मरकज पहुंचे और मौलाना साद को इस बात के लिए राजी किया कि वह वहां मौजूद सभी लोगों का कोविड-19 संक्रमण के लिए परीक्षण और कोरेंटाइन करने दें. शाह और डोभाल वहां बन रही स्थिति को समझ रहे थे, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों ने तेलंगाना के करीमनगर में नौ इंडोनेशियाई नागरिकों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी दी थी. यह सभी 18 मार्च को मरकज में शामिल हुए थे. सुरक्षा एजेंसियों ने मरकज संक्रमण के बारे में अगले ही दिन सभी राज्यों की पुलिस और सहायक कार्यालयों को सूचित कर दिया था. सुरक्षा एजेंसियों ने मरकज में कोरोना संक्रमण का संदेश अगले ही दिन सभी राज्यों और पुलिस को भेज दिया था.

एनएसए डोभाल के समझाने के बाद मरकज 27, 28 और 29 मार्च को 167 तबलीगी जमातियों को अस्पताल में भर्ती कराने पर समहत हुआ. डोभाल के हस्तक्षेप के बाद ही जमात नेता मस्जिद की भी सफाई को राजी हुए. डोभाल ने मुसलमानों के साथ अपने पुराने संपर्कों का इस्तेमाल कर इस काम को अंजाम दिया. देश की सुरक्षा के लिए रणनीति बनाने के लिए मुस्लिम उलेमा उनके साथ मीटिंग कर चुके थे. डोभाल ने पिछले दशकों में भारत और विदेशों में विभिन्न मुस्लिम आंदोलनों के साथ बहुत करीबी संबंध बनाए हैं. वह लगभग सभी मुस्लिम उलेमाओं को जानते हैं और देश के लिए राष्ट्रीय रणनीति बनाने के लिए उनके साथ समय बिताते हैं.

बता दें कि मरकज से घर लौटे लोग कोरोना का कैरियर बनकर लौटे हैं और सरकार को उन्हें ढूंढने में भी परेशानी आ रही है. 100 से ज्यादा लोगों के कोरोनावायरस के टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद निजामुद्दीन मरकज से सभी 2,100 लोगों को बाहर निकाला गया है. आज सुबह 4 बजे मरकज को खाली कराया गया. करीब 2100 लोग मरकज से निकाले गए. करीब 700 लोग निगरान में हैं. मरकज में शामिल होने वाले अब तक करीब 100 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुषिट् हुई है. तेलगांना के 6 समेत सात कोरोनावायरस संक्रमितों की मौत के बाद सोमवार को निजामुद्दीन मरकज में रुके लोगों को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई थी. दिल्ली पुलिस ने मरकज़ प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी.

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