निपाह वायरस के खतरे से कर्नाटक में अलर्ट, निगरानी में रखे जाएंगे केरल से आने वाले लोग

Nipah Outbreak केरल में कोरोना और निपाह वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कर्नाटक सरकार अलर्ट मोड में है. कोरोना और निपाह के खतरे से निपटने के लिए कर्नाटक सरकार ने रविवार को कहा कि केरल से आने वाले व्यक्तियों को निगरानी में रखा जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2021 8:03 PM

Nipah Outbreak केरल में कोरोना और निपाह वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कर्नाटक सरकार अलर्ट मोड में है. कोरोना और निपाह के खतरे से निपटने के लिए कर्नाटक सरकार ने रविवार को कहा कि केरल से आने वाले व्यक्तियों को निगरानी में रखा जाएगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केरल की सीमा से लगे जिलों में भी निगरानी तेज कर दी गई है. इससे पहले केरल में निपाह वायरस के प्रकोप को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने 7 सितंबर को एक एडवाइजरी नोट भी जारी की थी.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के स्वास्थ्य आयुक्त केवी त्रिलोक चंद्र ने कहा कि निपाह वायरस के खिलाफ हम पहले ही बरती जाने वाली सावधानियों पर एक विस्तृत सलाह जारी कर चुके हैं. सभी सीमावर्ती जिलों में पहले से ही बेहतर निगरानी के उपाय किए गए हैं. केरल से आने वाले लोग निगरानी में रहेंगे. इससे पहले 7 सितंबर को राज्य सरकार की ओर से एक एडवाइजरी नोट जारी किया गया था. इसमें कर्नाटक सरकार ने कहा है कि लोगों को अक्तूबर के अंत तक केरल जाने से बचना चाहिए. शैक्षणिक, नर्सिंग, पैरामेडिकल संस्थानों के अफसरों, अस्पतालों, कारखानों आदि के मालिकों से अपने कर्मचारियों आदि जो जो कर्नाटक नहीं लौटे हैं, को अक्तूबर के अंत तक वापसी स्थगित करने का निर्देश देने के लिए भी कहा गया है.

कर्नाटक सरकार ने उन सभी छात्रों और कर्मचारियों से जो अभी तक केरल से कर्नाटक नहीं लौटे हैं, कहा है कि केरल में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए अक्तूबी 2021 के अंत तक राज्य में अपनी वापसी को टालने या स्थगित कर दें. साथ एडवाइजरी नोट में जिला प्रशासन को बुखार, परिवर्तित मानसिक स्थिति, गंभीर कमजोरी, सिरदर्द, सांस की तकलीफ, खांसी, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और दस्त जैसे लक्षणों के साथ केरल से आने वालों की निगरानी करने के निर्देश दिए गए.

इससे पूर्व 10 सितंबर को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा कि निपाह वायरस के संबंध में मैंने स्वास्थ्य सचिव और विशेषज्ञों को निर्देश दिए हैं. मुझे आज शाम तक केरल में इसके व्यवहार और हम पर इसके प्रभाव पर एक रिपोर्ट मिल जाएगी. जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. निपाह वायरस SARS-COV2 की तरह एक जूनोटिक वायरस है और इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रेषित किया जा सकता है. केरल में अब तक वायरस के 68 मामले सामने आए हैं.

वहीं, शनिवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे की एक टीम ने केरल के कोझीकोड में निपाह वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए फल खाने वाले चमगादड़ों से नमूने एकत्र किए, जहां इससे पहले एक 12 वर्षीय लड़के ने वायरस के कारण दम तोड़ दिया था. इन सबके बीच, पड़ोसी राज्य तमिलनाडु भी अलर्ट पर है और मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में निपाह वायरस के मरीजों के इलाज के लिए एक विशेष वार्ड बनाया गया है.

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