New Education Policy 2020 : स्कूल से लेकर कॉलेज तक 5+3+3+4 पैटर्न पर होगी पढ़ाई, जानिए क्या कहती है नयी शिक्षा नीति

New Education Policy 2020, NEP changes, school education system, 5+3+3+4 format : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी. साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है. नयी शिक्षा नीति में बड़े बदलाव करते हुए भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया गया है. अब छोटे बच्चों को शुरुआत से ही स्थानीय भाषा के साथ तीन अलग-अलग भाषाओं में शिक्षा दिए जाने का प्रस्ताव है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2020 6:55 AM

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी. साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है. नयी शिक्षा नीति में बड़े बदलाव करते हुए भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया गया है. अब छोटे बच्चों को शुरुआत से ही स्थानीय भाषा के साथ तीन अलग-अलग भाषाओं में शिक्षा दिए जाने का प्रस्ताव है. नयी शिक्षा नीति में कक्षा छह से आठवीं के बीच कम से कम दो साल का लैंग्वेज कोर्स भी कराये जाने का प्रस्ताव है.

इसके साथ-साथ नयी शिक्षा नीति में सरकार ने छात्रों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने का भी प्रस्ताव रखा है. इसके लिए 3 से 18 साल के छात्रों के लिए 5+3+3+4 का डिजाइन तय किया गया है. इसके तहत छात्रों की शुरुआती स्टेज की पढ़ाई के लिए 5 साल का प्रोग्राम तय किया गया है. इनमें 3 साल प्री-प्राइमरी और क्लास-1 और 2 को जोड़ा गया है. इसके बाद क्लास-3, 4 और 5 को अगले स्टेज में रखा गया है. इसके अलावा क्लास-6, 7, 8 को तीन साल के प्रोग्राम में बांटा गया है. आखिर क्लास-9, 10, 11, 12 को हाई स्टेज में रखा गया है.

एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज को मेन कैरिकुलम में शामिल किया जाएगा. गिफ्टेड चिल्ड्रेन एवं गर्ल चाइल्ड के लिए विशेष प्रावधान किया गया है. कक्षा 6 के बाद से ही वोकेशनल को जोड़ जाएगा.

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नयी नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा जिसमें ईसीई, स्कूल, टीचर्स और एडल्ट एजुकेशन को जोड़ा जाएगा. बोर्ड एग्जाम को भाग में बांटा जाएगा. बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स को जोड़ा जाएगा. वर्ष 2030 को हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी. विद्यालयी शिक्षा के निकलने के बाद हर बच्चे के पास कम से कम लाइफ स्किल होगी.

मालूम हो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नयी शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था. इस दौरान ही निशंक ने मंत्रालय का कार्यभार संभाला था. नयी शिक्षा नीति के मसौदे को विभिन्न पक्षकारों की राय के लिये सार्वजनिक किया गया था और मंत्रालय को इस पर दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए.

गौरतलब है कि वर्तमान शिक्षा नीति 1986 में तैयार की गयी थी और इसे 1992 में संशोधित किया गया था. नयी शिक्षा नीति का विषय 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था. मसौदा तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यम के नेतृत्व वाली समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर भी विचार किया. इस समिति का गठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तब किया था जब मंत्रालय का जिम्मा स्मृति ईरानी के पास था.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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