Mission 2024: कांग्रेस के लिए बड़ी भूमिका में होंगे प्रशांत किशोर! 2024 का लोकसभा चुनाव है मेन टारगेट

Mission 2024 यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों के लिए हाल ही में संपन्न कराए गए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है. इन सबके बीच, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच फिर से जुगलबंदी शुरू होने की खबर सामने आ रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2022 6:19 PM

Mission 2024 यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों के लिए हाल ही में संपन्न कराए गए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है. हालिया चुनावी नतीजों ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को एक बार फिर से गंभीर चिंतन करने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक बार फिर से सुर्खियों में छा गए है. दरअसल, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच फिर से जुगलबंदी शुरू होने की खबर सामने आ रही है. बताया यह भी जा रहा है कि प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच इस बार कोई विधानसभा चुनाव को लेकर नहीं, बल्कि मिशन 2024 को लेकर मंथन जारी है.

कांग्रेस में एक राजनेता के रूप में पूर्णकालिक भूमिका की तलाश में PK

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के चुनावी नतीजे आने के बाद कांग्रेस प्रशांत किशोर की पार्टी में भूमिका को लेकर गंभीर हुई है. इससे पहले प्रशांत किशोर की एंट्री पर आलाकमान ने चुप्पी साध रखी थी. बाद में विधानसभा चुनावों के नतीजों ने कांग्रेस को एक बार फिर से प्रशांत किशोर के साथ बातचीत करने के लिए अंतिम निर्णय लेने पर मबजूर होना पड़ा. पता चला है कि प्रशांत किशोर 2024 से पहले गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मैनेजमेंट में कोई दिलचस्पी नहीं रख रहे हैं. पीके अब कांग्रेस में एक राजनेता के रूप में पूर्णकालिक भूमिका की तलाश में हैं. इसके बाद वे 2024 के लोकसभा चुनावों के कांग्रेस को तैयार करना चाहते हैं.

कहां फंसा पेंच

दरअसल, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कई बार कांग्रेस पार्टी लाइन से अलग राह पर जाते दिखते है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, एनसीपी चीफ शरद पवार, एम के स्टालिन, शिवसेना के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव, हेमंत सोरेन, जगन मोहन रेड्डी से उनकी नजदीकियों से जुड़ी खबरें समय-समय पर सुर्खियां बनती है. हालांकि, गांधी परिवार में कथित तौर पर प्रशांत किशोर के बारे में सकारात्मक भावनाएं हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके शामिल होने से G-23 असंतुष्टों के साथ चल रहे युद्ध का अंत हो जाएगा. वहीं, प्रशांत किशोर ने जानबूझकर भी खुद को पार्टी के भीतर के झगड़े से दूर रखा है.

बीते वर्ष सोनिया गांधी से प्रशांत किशोर की हुई थी बातचीत

बीते वर्ष सितंबर-अक्टूबर महीने में कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी के साथ अपनी पिछली बातचीत में प्रशांत किशोर ने कथित तौर पर कांग्रेस संगठन में जबरदस्त बदलाव के विषय पर चर्चा की थी. इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच टिकट बंटवारे के तरीके, चुनावी गठबंधन, फंड जमा करने के मुद्दे पर बात हुई थी. हालांकि, तब तक विधानसभा चुनाव आ गए. फिलहाल कांग्रेस-प्रशांत किशारे की वार्ता का भाग्य अधर में लटक हुआ है. जानकार और उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि इस वार्ता में प्रगति की पूरी संभावना है.

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