मराठा आरक्षण: क्यूरेटिव पिटीशन पर 24 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जरांगे ने शिंदे सरकार को दी चेतावनी

जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास मांग पूरी करने के लिए सिर्फ दो दिन बचे हैं. जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण हासिल करने की घड़ी आ गई है. हमारी लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में है.

By ArbindKumar Mishra | December 23, 2023 11:04 PM

मराठा आरक्षण पर दायर क्यूरेटिव पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में अगले साल 24 जनवरी को सुनवाई होगी. इधर इस खबर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कोर्ट का धन्यवाद दिया और कहा, इससे मराठा समुदाय के लोगों को न्याया मिलेगी. उन्होंने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए (मराठा आरक्षण पर) सुधारात्मक याचिका स्वीकार कर ली है और इस मुद्दे पर 24 जनवरी को सुनवाई होगी.

मराठा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए सरकार पूरी ताकत के साथ कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी : शिंदे

मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन सिद्ध करना है, इसलिए यह बहुत बड़ी बात है. हमारी वकीलों की टीम पुरी ताकत के साथ कोर्ट में सरकार की ओर से पैरवी करेगी. मराठी समाज को आरक्षण का लाभ मिले, इसके लिए पूरी ताकत के साथ अपना पक्ष रखेगी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण का लाभ देने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया. मैंने आयोग को इम्पीरिकल डेटा देने का आग्रह किया है. इसका लाभ 24 जनवरी को हेयरिंग के दौरान इसका लाभ मिलेगा.

मराठा आरक्षण देने के लिए सरकार के पास 24 दिसंबर तक का वक्त, 80 फीसदी लड़ाई जीती : जरांगे

आरक्षण की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को जोर देते हुए कहा था कि मराठा आरक्षण की 80 फीसदी लड़ाई जीत ली गई है और आरक्षण की जंग अब अपने अंतिम चरण में हैं. जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास मांग पूरी करने के लिए सिर्फ दो दिन बचे हैं. जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण हासिल करने की घड़ी आ गई है. हमारी लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में है.

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जरांगे ने आरक्षण की मांग को लेकर दो बार अनिश्चितकालीन भू‍ख हड़ताल भी किया

जरांगे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर इस साल दो बार अनिश्चितकालीन भू‍ख हड़ताल की थी. उन्होंने कहा कि सरकार को पहले इस मुद्दे को हल करने के लिए 40 दिन का समय दिया गया था लेकिन कुछ नहीं हुआ. बाद में इस समस्या के हल के लिए सरकार को 24 दिसंबर तक का समय दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार 24 दिसंबर तक इस मुद्दे का समाधान निकालने में विफल रहती है तो समुदाय मुंबई की ओर कूच करेगा और राज्य पर ‘आर्थिक’ रूप से शिकंजा कसेगा.

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