गरबा में लव जेहाद! इंदौर में गरबा से चार मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी पर उठ रहे सवाल

Love Jehad in Garba|Indore|Madhya Pradesh|एसडीएम पराग जैन ने अदनान शाह, मोहम्मद उमर, अब्दुल कादिर और सैयद साकिब को 50,000-50,000 रुपये के मुचलके पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2021 8:31 PM

इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर में तथाकथित ‘लव जिहाद’ को लेकर बजरंग दल के हंगामे के बाद एक निजी महाविद्यालय के गरबा कार्यक्रम से एहतियातन गिरफ्तारी के बाद जेल भेजे गये चार मुस्लिम युवकों को प्रशासन ने 50,000-50,000 रुपये के मुचलके पर मंगलवार को रिहा कर दिया. हालांकि, युवकों के परिजनों ने इनकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इनमें से दो लोग इसी महाविद्यालय के छात्र थे और स्वयंसेवकों के रूप में गरबा कार्यक्रम की व्यवस्थाएं संभाल रहे थे.

प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) पराग जैन ने अदनान शाह, मोहम्मद उमर, अब्दुल कादिर और सैयद साकिब को 50,000-50,000 रुपये के मुचलके पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया. उन्होंने बताया कि 20 से 25 साल की उम्र के इन युवकों को रविवार रात गांधी नगर क्षेत्र के निजी महाविद्यालय के गरबा कार्यक्रम से दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिए की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत गिरफ्तार किया गया था.

सोमवार को इन सभी को एक स्थानीय जेल भेज दिया गया था. इनके परिजन मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और एसडीएम अदालत में जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं. इनमें शामिल अब्दुल हमीद शाह ने बताया, ‘जिस महाविद्यालय के गरबा कार्यक्रम से मेरे बेटे अदनान शाह को रविवार रात हिरासत में लिया गया, वह इसी महाविद्यालय में बीकॉम द्वितीय वर्ष का छात्र है. वह एक स्वयंसेवक के तौर पर गरबा कार्यक्रम में प्रकाश व ध्वनि की व्यवस्थाएं संभाल रहा था.’

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उन्होंने अदनान शाह का महाविद्यालय की ओर से जारी विद्यार्थी परिचय पत्र और गरबा कार्यक्रम का पास दिखाते हुए कहा,‘मैं पुलिस और प्रशासन से पूछना चाहता हूं कि आखिर किस आधार पर मेरे बेटे को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया? हमें लगता है कि राजनीतिक दबाव के कारण ऐसा किया गया.’

विवाद के बाद हुई थी गिरफ्तारी- पुलिस

इस बारे में पूछे जाने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) प्रशांत चौबे ने कहा कि गरबा कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों के साथ मुस्लिम युवकों के विवाद की स्थिति बनने पर उन्हें सीआरपीसी की धारा 151 के तहत एहतियातन गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार युवकों में शामिल अब्दुल कादिर के बड़े भाई अब्दुल अलीम ने बताया, ‘मेरा छोटा भाई गरबा कार्यक्रम आयोजित करने वाले महाविद्यालय में बीकॉम द्वितीय वर्ष में पढ़ता है. वह महाविद्यालय की ओर से गरबा कार्यक्रम की व्यवस्थाएं संभाल रहा था.’

चश्मदीदों ने दावा किया कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रविवार रात निजी महाविद्यालय के गरबा कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के कई लोगों की मौजूदगी पर आपत्ति जताते हुए हंगामा किया था. इसके बाद पुलिस इस आयोजन में मौजूद चारों युवकों को क्षेत्रीय थाने ले गयी थी. बजरंग दल के स्थानीय संयोजक तरुण देवड़ा ने गांधी नगर पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि प्रशासन ने निजी महाविद्यालय को गरबा कार्यक्रम में केवल 800 छात्र-छात्राओं को बुलाने की अनुमति दी थी.

कॉलेज प्रबंधन पर टिकट बेचने का आरोप

महाविद्यालय प्रबंधन ने इसे वाणिज्यिक आयोजन में तब्दील करते हुए टिकट बेचे और इसमें 2,000 से 3,000 लोगों को बुला लिया. देवड़ा ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया है कि नवरात्रि के पवित्र त्योहार पर महाविद्यालय के गरबा कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम युवकों को बुलाकर ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दिया गया.

अधिकारियों ने बताया कि बजरंग दल पदाधिकारी की शिकायत पर महाविद्यालय प्रबंधन के अक्षय तिवारी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) के तहत पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है.

एजेंसी इनपुट के साथ

Posted By: Mithilesh Jha

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