Kisan Andolan, Farmers Protest Updates: कृषि बिल को वापस ना लेकर सरकार देश के अन्नदाताओं से संघर्ष करना चाह रही है, सुखबीर सिंह का आरोप

Kisan Andolan, Farmers protest LIVE Updates : दिल्ली बार्डर पर बैठे किसानों का आंदोलन लगातार 15वें दिन से जारी है. केंद्र सरकार के सभी प्रस्तावों को किसानों ने खारिज कर दिया है. इसके अलावा कई दौर की केंद्र सरकार के साथ चली वार्ता भी अबतक बेनतीजा रही है. अब गुस्साये किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने का मन बना लिया है. अपने आंदोलन को और तेज करते हुए किसानों ने सभी हाइवे को जाम करने का ऐलान किया है. साथ ही 14 दिसंबर को देश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन का फैसला किया है. कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहें prabhatkhabar.com के साथ…

By Prabhat Khabar Print Desk | December 10, 2020 10:10 PM

मुख्य बातें

Kisan Andolan, Farmers protest LIVE Updates : दिल्ली बार्डर पर बैठे किसानों का आंदोलन लगातार 15वें दिन से जारी है. केंद्र सरकार के सभी प्रस्तावों को किसानों ने खारिज कर दिया है. इसके अलावा कई दौर की केंद्र सरकार के साथ चली वार्ता भी अबतक बेनतीजा रही है. अब गुस्साये किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने का मन बना लिया है. अपने आंदोलन को और तेज करते हुए किसानों ने सभी हाइवे को जाम करने का ऐलान किया है. साथ ही 14 दिसंबर को देश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन का फैसला किया है. कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहें prabhatkhabar.com के साथ…

लाइव अपडेट

कृषि बिल को वापस ना लेकर सरकार देश के अन्नदाताओं से संघर्षकरना चाह रही है

कृषि बिल को वापस ना लेने के केंद्र सरकार के फैसले की हम निंदा करते हैं, आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह साफ है कि सरकार देश के अन्नदाताओं से संघर्ष करना चाहती है.

राकेश टिकैत ने कहा- हमारी 15 में से 12 मांगों पर केंद्र सहमत है, इसका मतलब बिल सही नहीं है, इसे वापस लिया जाये

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र यदि 15 में से हमारी 12 मांगों पर सहमत हो रहा था, इसका मतलब है कि बिल सही नहीं हैं, तो उसे रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए. हमने MSP पर एक कानून की मांग की थी, लेकिन वे अध्यादेश के माध्यम से 3 बिल लाये. हमारा विरोध शांतिपूर्वक जारी रहेगा.

कृषि कानून व्यापारियों के लिए है, केंद्र सरकार ने स्वीकारा

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने अंतत: यह मान लिया है कि कृषि कानून व्यापारियों के लिए है. जब कृषि राज्य का विषय है तो वे कैसे इसपर कानून बना सकते हैं. गौरतलब है कि कृषि मंत्री ने कहा है कि केंद्र व्यापार पर कानून बना सकता है.

10 दिसंबर के बाद शुरू होगा रेलवे ट्रैक जाम, जिद पर अड़े किसान

किसान नेता बूटा सिंह ने आज कहा कि हमने सरकार को दस तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है, अगर पीएम हमारी बात नहीं सुनते हैं और कानून को रद्द नहीं किया जाता है तो हम रेलवे पटरियों को जाम कर देंगे. आज की बैठक में हमने यह तय किया है कि हम भारत की जनता को रेलवे ट्रैक पर लायेंगे. संयुक्त किसान मंच जल्दी ही तिथि की घोषणा करेगा.

कृषि मंत्री ने कहा-किसान हमारे प्रस्ताव पर विचार करें और चर्चा के लिए सामने आयें

कृषि मंत्री ने कहा-किसान हमारे प्रस्ताव पर विचार करें और चर्चा के लिए सामने आयें, हम उनकी हर आशंका का समाधान करेंगे

किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने कहा- कृषि बिल वापस लिये बिना आगे की बातचीत संभव नहीं

किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने कहा- कृषि बिल वापस लिये बिना आगे की बातचीत संभव नहीं

किसान आंदोलन आज भी जारी, सरकार की ओर से नये प्रस्ताव का है इंतजार

किसान आंदोलन आज भी जारी, सरकार की ओर से नये प्रस्ताव का है इंतजार

चिल्ला बॉर्डर पर फूल देकर किसानों को मनाने की कोशिश

चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने किसानों को फूल देकर मनाने की कोशिश की. दरअसल दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारियों को कोरोना जांच के लिए कह रही था, लेकिन किसानों ने मना कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों को फूल देकर मनाने की कोशिश की.

किसानों के खाते में आनेवाली है पीएम किसान सम्मान निधि की 7वीं किस्त

आंदोलन पर उतारु किसानों के लिए एक अच्छी खबर है कि केन्द्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि की 7वीं किस्त जारी कर दी है. उम्मीद की जा रही है कि 10 दिसंबर से यह रकम किसानों के खाते में जानी शुरू हो जाएगी. इस योजना से देश के करीब साढ़े 11 हजार करोड़ किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा.

सरकार को माननी होगी मांग

किसान आंदोंलन में किसानों का साथ देने आये खिलाड़ियों का कहना है कि सरकार को किसानों की बात माननी ही होगी. जबतक सरकार किसानों की मांग नहीं मान लेती हम वापस नहीं जाएंगे.

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करेंगे

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करेंगे. इधर, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किसानों से अपील की है कि वो भ्रामक खबरों का शिकार न बनें.

किसान नेता राकेश टिकैट ने कहा है कि, जो प्रस्ताव आया है उसमें बिल वापसी की बात नहीं है. सरकार संशोधन चाहती है. संशोधन के लिए किसान तैयार नहीं है. हम चाहते है पूरा बिल वापस हो। बिल वापसी के अलावा कोई रास्ता निकलता नजर नहीं आ रहा है.

आगे की रणनीति पर चर्चा

किसानों के आंदेलन को लेकर सरकार गंभीर होती जा रही है. बुधवार को आगे की रणनीति के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त किये जाने के रास्तों पर चर्चा की. इस दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे.

सरकार की मंशा ठीक नहीं

किसान नेता, मंजीत सिंह ने कहा है कि सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं. "सरकार की मंशा ठीक नहीं है. सरकार चाहती है यह आंदोलन लंबा चले और कमजोर पड़ जाए.

शिवसेना नेता संजय रावत ने कहा है कि अगर किसान आंदोलन के पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ है तो भारत उसपर सर्जिकल स्ट्राइक क्यों नहीं कर देता.

किसान आंदोलन को विपक्ष का साथ

किसानों के आंदोलन को विपक्ष का पूरा साथ मिल रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और शरद पवार समेत पांच विपक्षी नेताओं ने आंदोलन को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. राष्ट्रपति से तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का अनुरोध किया.

जारी है किसानों का विरोध प्रदर्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज 15वां दिन.

कृषि वैज्ञानिक वरिंदरपाल सिंह ने पुरस्कार ठुकराया

पंजाब कृषि विवि के कृषि वैज्ञानिक वरिंदरपाल सिंह ने किसानों के आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए उर्वरक उद्योग की संस्था एफएआइ का पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. पौधों के पोषण से जुड़े कार्य के लिए वरिंदरपाल सिंह फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के गोल्डन जुबली अवार्ड के संयुक्त विजेता घोषित किये गये थे.

किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.

दिल्ली की सड़कें बंद करने का एलान

किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि अगर तीनों कानून रद्द नहीं किये जाते, तो एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद किया जायेगा और किसान सिंघु बॉर्डर पार कर दिल्ली में प्रवेश करने के बारे में भी फैसला ले सकते हैं.

और तेज होगा आंदेलन

तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों ने बुधवार को केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. वहीं, किसान नेताओं ने केन्द्र सरकार से कहा है कि अगर तीनों कानून रद्द नहीं किये जाते, तो एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद किया जायेगा. वहीं, किसानों ने यह भी कहा है कि, इन कानूनों के विरोध में किसान 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे.

Posted by: Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version