Karnataka Congress Crisis: नाश्ते के टेबल पर सुलझेगा कर्नाटक का सियासी कलह? सिद्धारमैया ने डीके शिवकुमार को दिया न्योता

Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक सरकार की सत्ता में चल रही खींचतान पर राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को शनिवार को नाश्ते पर बुलाया है. यहां राज्य में चल रही सियासी संकट पर दोनों नेता चर्चा करेंगे. हालांकि इस बीच दोनों नेता इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि पार्टी आलाकमान जो भी कहेगा हम उसका पालन करेंगे.

By Pritish Sahay | November 29, 2025 7:15 AM

Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक में जारी सियासी संग्राम के बीच एक बड़ी खबर आ रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को नाश्ते का न्योता दिया है. सियासी गलियारों में अटकलें लगाई जा रही है कि शायद ब्रेकफास्ट टेबल का सियासी हलचल का कोई समाधान निकल सकता है. सीएम सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा- मैंने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को कल सुबह (शनिवार) नाश्ते पर बुलाया है क्योंकि शीर्ष नेतृत्व ने हमसे बैठक करने को कहा है. सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि जब शिवकुमार नाश्ते पर आएंगे तो हम चर्चा करेंगे. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि हम दोनों कह चुके हैं कि पार्टी आलाकमान जो भी कहेगा हम उसका पालन करेंगे.

सत्ता को लेकर खींचतान पर सीएम सिद्धारमैया ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सत्ता को लेकर खींचतान पर कहा- मैंने कहा था कि मैं आलाकमान की हर बात मानूंगा और मेरे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. पार्टी आलाकमान जो भी कहेगा हम उसका पालन करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आला कमान बुलाएगा तो वह दिल्ली जाएंगे. इससे पहले बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए कर्नाटक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि नेतृत्व के संबंध में कोई भी निर्णय कांग्रेस आलाकमान लेगा. वो जो भी फैसला लेगी हम उसे मानेंगे. शिव कुमार ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता उत्सुक हो सकते हैं, लेकिन मुझे कोई जल्दी नहीं है, पार्टी सभी निर्णय लेगी.

डीके शिवकुमार जा सकते हैं दिल्ली

कर्नाटक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दिल्ली जा सकते हैं. उन्होंने यात्रा से इनकार नहीं किया है. हालांकि उन्होंने साफ किया कि उनकी यात्रा संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस नेतृत्व के सामने कई अहम मुद्दे उठाने के लिए होगी. उन्होंने कहा केंद्र सरकार मक्के के एमएसपी का समर्थन नहीं कर रही है. केंद्र ने मक्के की कीमत 2,400 रुपये तय की है, लेकिन बाजार में इसकी कीमत 1,600 से 1,800 रुपये के बीच है. ऐसे में हमें अपील करनी होगी, क्योंकि केंद्र सहयोग नहीं कर रहा है. इससे पहले पूर्व कांग्रेस सांसद और शिवकुमार के भाई डीके सुरेश शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे. कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर उन्होंने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था.

कैसे गहराया सत्ता का संग्राम?

कर्नाटक में सत्ता का संघर्ष तब शुरू हुआ जब 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल में ढाई साल पूरी कर चुकी है. कर्नाटक की जनता के जनादेश का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जोर देकर कह रहे है कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. उन्होंने पांच गारंटी योजनाओं सहित पार्टी के वादों को पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया है. इससे इतर डीके शिवकु शिवकुमार वरिष्ठ नेताओं के बीच हुए एक गुप्त समझौते का हवाला देते हुए नेतृत्व परिवर्तन पर जोर दे रहे हैं कि उन्हें ढाई साल बाद मुख्यमंत्री पद संभालना चाहिए.