श्रीनगर में मारे गए दो आतंकवादियों में से एक अलगाववादी नेता का बेटा

जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir ) में श्रीनगर के घनी आबादी वाले इलाके में मंगलवार को, सुरक्षा बलों के साथ 15 घंटे चली मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए (two terrorists killed). इनमें से एक जुनैद अशरफ खान 'सेहराई' है जिसका पिता अलगाववादी गुट तहरीक-ए-हुर्रियत का प्रमुख है.

By Agency | May 19, 2020 8:52 PM

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के घनी आबादी वाले इलाके में मंगलवार को, सुरक्षा बलों के साथ 15 घंटे चली मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए. इनमें से एक जुनैद अशरफ खान ‘सेहराई’ है जिसका पिता अलगाववादी गुट तहरीक-ए-हुर्रियत का प्रमुख है.

अधिकारियों ने बताया कि खान ने कश्मीर विश्वविद्यालय से एमबीए किया था और मार्च 2018 में आतंकवाद में शामिल हो गया था. घाटी लौटने और हिज्‍बुल मुजाहिदीन में शामिल होने से पहले वह दिल्ली में कई बहु-राष्ट्रीय कंपनियों में काम कर चुका था.

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जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बताया कि खान प्रतिबंधित संगठन का स्वयंभू मंडल कमांडर था. दूसरा आतंकवादी तारीक अहमद शेख है जो पुलवामा का रहने वाला था. वह मार्च में दहशतगर्दी में शामिल हुआ था.

डीजीपी ने कहा कि दोनों को पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया. यह मुठभेड़ सोमवार आधी रात के बाद शुरू हुई और अधिकारियों ने एहतियाती उपाय के तहत श्रीनगर जिले के सभी निजी मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट को बंद कर दिया था. घनी आबादी वाले नवाकदल इलाके में 15 घंटे चली मुठभेड़ में कुछ घरों को आग लग गई थी.

यह मुठभेड़ दोपहर को खत्म हुई जिसके बाद, आग के कारण गुस्साए निवासी सड़कों पर उतर आये. मुठभेड़ में दो सुरक्षा कर्मी मामूली रूप से जख्मी हो गए. मंगलवार की मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए एक संकेत था कि आतंकवादी श्रीनगर शहर में घुस आए हैं, जिसे 2014 तक पूरी तरह से मुक्त कर दिया गया था.

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शहर में आखिरी मुठभेड़ 2018 में हुई थी तब तीन आतंकवादी मारे गए थे. जुनैद, जम्मू कश्मीर के किसी अलगवावादी नेता के बेटे के आतंकवाद में शामिल होने का पहला मामला था. अन्य अलगाववादी नेताओं के रिश्तेदार सरकारी महकमों में काम करते हैं या विदेश में बस गए हैं. उसके खिलाफ तीन मामले दर्ज थे, जिनमें पिछले साल श्रीनगर में विशेष पुलिस अधिकारी उमर राशिद पर गोली चलाना शामिल है.

उसके पिता अशरफ सेहराई ने अपने बेटे को आतंकवाद से वापस बुलाने के लिए सार्वजनिक अपील करने से इनकार कर दिया था. अशरफ ने पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष पद से हटा दिया था.

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